अगले 1 महीने में होने लगेगा एहसास… झेलनी पड़ सकती है मार, दिग्‍गजों की यह चेतावनी कैसी?

AdminUncategorized1 month ago40 Views

नई दिल्‍ली: अमेरिका के नागरिकों को जल्द ही आर्थिक मार झेलनी पड़ सकती है। अनुभवी निवेशक शंकर शर्मा ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म ‘X’ पर यह चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि अगले 1 महीने में अमेरिकियों को आर्थिक प्रतिबंधों का एहसास होने लगेगा। निवेशक समीर अरोड़ा ने भी उनसे सहमति जताई है। उन्होंने कहा, ‘रिकॉर्ड में पहली बार मैं शंकर से सहमत हूं। वे मार्च के अंत के नतीजों का विश्लेषण कर रहे हैं और कह रहे हैं कि वे कितने अच्छे हैं, जबकि असली ड्रामा तो अप्रैल में शुरू हुआ।’

जाने-माने निवेशक शंकर शर्मा ने चेतावनी दी है। उन्‍होंने कहा है कि अगले एक महीने में अमेरिकियों को आर्थिक प्रतिबंधों का अनुभव होने लगेगा। शर्मा का यह बयान अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों की ओर इशारा करता है।

शंकर शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी राय साझा की। उन्होंने कहा, ‘अगले 1 महीने में या उसके आसपास अमेरिकियों को यह महसूस होने लगेगा कि आर्थिक प्रतिबंध क्या होते हैं।’

कमजोर होता डॉलर बढ़ा रहा अमेरिका की टेंशन

यह सब अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने के कारण हो रहा है। डॉलर का प्रदर्शन राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के बाद सबसे खराब है। डोनाल्ड ट्रंप के व्हाइट हाउस में लौटने के बाद से डॉलर इंडेक्स लगभग 9% गिर गया है। यह 1973 में गोल्ड स्टैंडर्ड छोड़ने के बाद से सबसे बड़ी गिरावट है।

ट्रंप के टैरिफ और वैश्विक व्यापार को बदलने की कोशिशों से निवेशक परेशान हैं। ब्‍लूमबर्ग के एक सर्वे में 2025 के लिए अमेरिका की आर्थिक विकास दर का अनुमान 2% से घटाकर 1.4% कर दिया गया है। मंदी का खतरा भी बढ़ गया है।

इसका असर सिर्फ अमेरिका तक ही सीमित नहीं है। दक्षिण कोरिया से अमेरिका को होने वाला निर्यात अप्रैल में 14.3% गिर गया। चीन की अर्थव्यवस्था अभी भी विदेशी मांग पर निर्भर है। जर्मनी में विकास रुक गया है। इस साल मुश्किल से ही यह बढ़ेगा।

आईएमएफ ने वैश्विक विकास दर का अनुमान घटाया

आईएमएफ ने 2025 के लिए वैश्विक विकास दर का अनुमान घटाकर 2.8% कर दिया है। उसने चेतावनी दी है कि अगर ट्रेड वॉर बढ़ा तो और भी मंदी आ सकती है। ग्‍लोबल सप्लाई चेन टूट रही हैं और जापान से लेकर ब्राजील तक महंगाई बढ़ रही है। दुनिया अब अमेरिका की नीतियों के झटके झेलने के लिए तैयार है। ऐसा लग रहा है कि वित्तीय दुनिया पहली बार अमेरिकियों को उन नीतियों का दर्द महसूस कराने के लिए तैयार है जो उन्होंने कभी दूसरों पर आजमाई थीं।

डॉलर इंडेक्स का मतलब है दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर का मूल्य। जब यह इंडेक्स गिरता है तो इसका मतलब है कि डॉलर कमजोर हो रहा है। ट्रंप प्रशासन ने कई देशों से आयात पर टैरिफ लगाए थे। टैरिफ का मतलब है आयातित वस्तुओं पर लगने वाला टैक्स। इससे उन देशों से आने वाले सामान महंगे हो जाते हैं।

निवेशक शंकर शर्मा और समीर अरोड़ा के बयानों से पता चलता है कि वे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर चिंतित हैं। उनका मानना है कि ट्रंप की नीतियों से अमेरिका को नुकसान हो रहा है। यह सब बताता है कि दुनिया की अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल मची हुई है। अमेरिका की नीतियां इसमें और आग लगा रही हैं। आने वाले समय में इसका असर आम लोगों पर भी पड़ेगा।

अमित शुक्‍ला

लेखक के बारे में

अमित शुक्‍ला

पत्रकारिता और जनसंचार में पीएचडी की। टाइम्‍स इंटरनेट में रहते हुए नवभारतटाइम्‍स डॉट कॉम से पहले इकनॉमिकटाइम्‍स डॉट कॉम में सेवाएं दीं। पत्रकारिता में 15 साल से ज्‍यादा का अनुभव। फिलहाल नवभारत टाइम्स डॉट कॉम में असिस्‍टेंट न्‍यूज एडिटर के रूप में कार्यरत। टीवी टुडे नेटवर्क, दैनिक जागरण, डीएलए जैसे मीडिया संस्‍थानों के अलावा शैक्षणिक संस्थानों के साथ भी काम किया। इनमें शिमला यूनिवर्सिटी- एजीयू, टेक वन स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय (नोएडा) शामिल हैं। लिंग्विस्‍ट के तौर पर भी पहचान बनाई। मार्वल कॉमिक्स ग्रुप, सौम्या ट्रांसलेटर्स, ब्रह्मम नेट सॉल्यूशन, सेंटर फॉर सिविल सोसाइटी और लिंगुअल कंसल्टेंसी सर्विसेज समेत कई अन्य भाषा समाधान प्रदान करने वाले संगठनों के साथ फ्रीलांस काम किया। प्रिंट और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म में समान रूप से पकड़। देश-विदेश के साथ बिजनस खबरों में खास दिलचस्‍पी।… और पढ़ें

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