आपत्तिजनक पोस्ट केस में ओम बिरला की बेटी अंजलि के हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला, मिली जीत

AdminUncategorized3 weeks ago42 Views

कोटा: लोकसभा स्पीकर ओम बिरला की छोटी बेटी अंजलि बिरला के पक्ष में दिल्ली हाईकोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। दरअसल, यह केस अंजलि के खिलाफ अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट और निजी तस्वीरें वायरल करने से जुडा हुआ था। हाईकोर्ट ने मंगलवार को स्पीकर बिरला की बेटी और भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा (IRPS) अधिकारी अंजलि की मानहानि याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली गई। साथ ही इस केस में कोर्ट ने अंजलि के पक्ष में फैसला सुनाया। उनके खिलाफ सभी अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट हटाने का आदेश दिया और इस तरह अंजलि की याचिका पर कार्यवाही समाप्त कर दी गई। हाईकोर्ट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स ‘ (पूर्व में ट्विटर) और गूगल को बची हुई अंजलि के खिलाफ वाली सोशल मीडिया पोस्ट्स भी हटाने का आदेश दिया। यह केस पिछले साल हाईकोर्ट के संज्ञान में आया था।

साल 2024 में अंजलि ने दायर की थी मानहानि की याचिका

अंजलि ने साल 2024 में दिल्ली हाई कोर्ट से अनुरोध किया था कि सोशल मीडिया से उन पोस्ट्स को हटाया जाए। जिनमें उनपर यह झूठा आरोप लगाया गया है कि उन्होंने UPSC परीक्षा अपने पिता के प्रभाव से पास की थी। पोस्ट बेहद अपमानजनक हैं। उनमें कहा गया है कि पिता के प्रभाव के बल पर ही उनका पहले प्रयास में ही चयन हो गया। अंजलि के वकील ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने साल 2019 में UPSC की सिविल सेवा परीक्षा दी थी और आरक्षित सूची के आधार पर IRPS में नियुक्त हुई थीं। नियुक्ति पूरी तरह मेरिट आधारित थी और उस पर सवाल उठाना बिलकुल अनुचित और अपमानजनक है।

इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले साल जुलाई में एक अंतरिम आदेश जारी कर एक्स कॉर्प और गूगल को अंजलि बिरला से जुड़ी मानहानि से संबंधित सभी पोस्ट्स हटाने का निर्देश दिया था। मंगलवार को हुई अंतिम सुनवाई में एक्स कॉर्प और गूगल के वकील ने कोर्ट को कहा कि अंजलि के खिलाफ 16 में से 12 पोस्ट्स को हटा दिया गया। बाकी 4 पोस्ट्स को प्लेटफॉर्म पर ब्लॉक किया। कोर्ट ने शेष पोस्ट्स को भी स्थाई रूप से हटाने का आदेश जारी किया।

कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए क्या कहा?

केस की सुनवाई के दौरान दिल्ली हाइकोर्ट में जस्टिस ज्योति सिंह ने कहा कि यदि अंजलि भविष्य में कोई और आपत्तिजनक पोस्ट्स उनके संज्ञान में लाती हैं तो प्लेटफॉर्म्स को उन्हें भी हटाना होगा। अदालत ने यह भी कहा कि इस तरह की पोस्टिंग का उद्देश्य और उसकी भाषा अनुचित है। क्योंकि अंजलि की नियुक्ति साल 2021 में हो चुकी थी और अब सालों बाद इन आरोपों का कोई औचित्य नहीं बनता। कोर्ट में अंजलि के वकील ने तर्क दिया कि सोशल मीडिया ट्वीट्स अपने आप में मानहानिकारक और गलत थे और वादी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए लापरवाही से किए गए थे। उन्हें वायरल होने या प्रसारित होने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

अंजलि के वकील ने दलील दी कि सोशल मीडिया पर चलाया गया यह अभियान न केवल उनकी प्रतिष्ठा बल्कि उनके परिवार और पिता की छवि को भी नुकसान पहुंचा रहा है, जो कि एक संवैधानिक पद पर हैं। सोशल मीडिया पर अंजलि बिरला की निजी तस्वीरें वायरल कर उन्हें मॉडल बताया गया था। इस मुद्दे को लेकर साइबर अपराध विभाग में भी शिकायत दर्ज कराई गई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी भी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाने वाले कंटेंट को न तो पोस्ट किया जा सकता है, न ही साझा (शेयर)। अंजलि के वकील ने कहा कि साल 2021 में भी अंजलि के खिलाफ ऐसे आरोप लगाए गए थे, लेकिन इसकी शिकायत पर बाद में मामला शांत हो गया था।

खुशेंद्र तिवारी

लेखक के बारे में

खुशेंद्र तिवारी

नवभारत टाइम्स डिजिटल में राजस्थान के लिए काम करता हूं। पत्रकारिता की शुरुआत प्रिंट माध्यम से की। राजस्थान पत्रिका जयपुर में शिक्षा , कला , एंटरटेनमेंट और पॉजिटिव खबरों को लेकर काम किया। गुलाबी नगरी (जयपुर) का वासी, राजनीति और कला में विशेष रुचि।… और पढ़ें

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