करप्‍शन पर जीरो टॉलरेंस… योगी आदित्‍यनाथ की सरकार में अब तक 11 IAS हो चुके हैं निलंबित

IO_AdminUncategorized2 months ago46 Views

आनंद त्रिपाठी, लखनऊ: एक कारोबारी से कमीशन मांगने के मामले में यूपी सरकार आईएएस अभिषेक प्रकाश को सस्‍पेंड कर चुकी है। इतना ही नहीं, योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अभिषेक प्रकाश के खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू होने जा रही है। भ्रष्टाचार के आरोपों में जीरो टॉलरेंस नीति को अपनाते हुए योगी सरकार इससे पहले भी कई अफसरों को सस्पेंड कर चुकी है।

अब तक योगी सरकार (पहले और दूसरे कार्यकाल को मिलाकर) 11 आईएएस के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की शिकायत पर निलंबन की कार्रवाई कर चुकी है। हालांकि, इनमें से कई अधिकारी जांच के बाद बहाल हो चुके हैं।

इन आईएएस अफसरों का हो चुका है निलंबन

  • घनश्याम सिंह: 2014 बैच के आईएएस घनश्याम सिंह लखीमपुर खीरी में खेत की पैमाइश लटकाए जाने के मामले में पिछले वर्ष 13 नवंबर को निलंबित किए गए थे।
  • देवीशरण उपाध्याय: जुलाई 2024 में 2012 बैच के आईएएस देवीशरण उपाध्याय को निलंबित किया था। सदस्य न्यायिक राजस्व परिषद में तैनाती के दौरान उन पर अलीगढ़ में 35 भूखंडों के पट्टे मनमाने तरीके से बहाल करने के आरोप लगे थे।
  • टीके शीबू: 31 मार्च 2022 को सोनभद्र के डीएम टीके शीबू को निलंबित कर दिया गया था।
  • सुनील कुमार वर्मा: पद का दुरुपयोग करने व भ्रष्टाचार के आरोप में औरैया के डीएम पद से सुनील कुमार वर्मा को निलंबित किया गया था।
  • देवेंद्र कुमार पांडेय: 2011 बैच के आईएएस देवेंद्र पांडेय उन्नाव में डीएम रहते निलंबित किए गए थे। उन पर बेसिक शिक्षा विभाग में हुई खरीद में वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे थे।
  • अमरनाथ उपाध्याय: 2011 बैच के आईएएस अमरनाथ उपाध्याय डीएम महराजगंज रहते निलंबित किए गए थे। इन पर गो-संरक्षण केंद्रों के बजट में धांधली के आरोप लगे थे।
  • कुमार प्रशांत: 2010 बैच के कुमार प्रशांत को डीएम फतेहपुर रहते सात जून 2018 में निलंबित किया गया था। इन पर सरकारी गेहूं खरीद में धांधली का आरोप था।
  • जितेंद्र बहादुर सिंह: जून 2018 में डीएम गोंडा के पद पर रहते हुए जितेंद्र बहादुर सिंह निलंबित हुए थे। उन पर सरकारी अनाज के घपले के आरोप लगे थे।

इन पर भी गिरी गाज

केदारनाथ सिंह पर्यटन विभाग में रहते हुए निलंबित हुए थे। शारदा सिंह चकबंदी आयुक्त रहते निलंबित हुए थे। भर्ती में ओबीसी कोटे पर भर्ती न करने का आरोप लगे थे।

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