कार में अकेली लड़की का पीछा किया, नहीं रुकी तो मार दी गोली; न CCTV फुटेज, न कोई सुराग, खाली हाथ दिल्ली पु

AdminUncategorizedYesterday6 Views

नई दिल्लीः 30 सितंबर 2008 की रात में दक्षिण दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में एक अकेली लड़की अपनी मारुती जेन कार से ऑफिस से घर लौट रही थी। रात के करीब साढ़े तीन बज रहे होंगे। एक दूसरी कार में सवार चार लड़कों ने देखा कि जिस महिला ड्राइवर ने उन्हें ओवरटेक किया, वह अकेली थी। उन्होंने अपनी गाड़ी की स्पीड बढ़ा दी और उसका पीछा करना शुरू कर दिया। पहले उन्होंने लड़की की कार को रोकने की कोशिश की। जब वह नहीं रुकी, तो चार लड़कों में से एक ने देसी पिस्तौल से उस पर गोली चला दी। गोली लड़की के सिर में लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसकी कार नेल्सन मंडेला मार्ग पर डिवाइडर से टकरा गई और रुक गई। यह जगह उसके घर के पास ही थी।

तब 25 साल की सौम्या विश्वनाथन के लिए 30 सितंबर, 2008 एक आम दिन था। वह एक न्यूज चैनल ‘हेडलाइंस टुडे’ में न्यूज़ प्रोड्यूसर थीं। उस दिन वह एक बड़ी खबर के चलते देर तक ऑफिस में रुकी थीं। काम खत्म होने के बाद, वह रात 3.03 बजे झंडेवालान ऑफिस से निकलीं। वह अपनी कार में वसंत कुंज स्थित अपने घर के लिए रवाना हुईं। उन्हें नहीं पता था कि यह उनकी आखिरी रात होगी। लूटपाट की कोशिश में उनकी जान चली जाएगी।

बहरहाल, हत्यारे मौके से भाग गए। लेकिन 20 मिनट बाद वे यह देखने के लिए वापस आए कि लड़की जिंदा है या मर गई। जब उन्होंने घटनास्थल पर पुलिसकर्मियों को देखा, तो वे भाग निकले। सुबह करीब 3.45 बजे के आसपास नजदीक के एक रेस्टोरेंट के एक कर्मचारी ने साइकिल से घर जाते समय सौम्या को कार में देखा। कार की हेडलाइट और इंजन चालू थे। उसने कुछ गाड़ियों को रोका और फिर पुलिस को फोन किया। सौम्या को AIIMS ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। जांच के दौरान, पुलिस को पता चला कि सौम्या ने सुबह करीब 3.15 बजे अपने पिता को फोन किया था और उन्हें बताया था कि वह रास्ते में है। आधे घंटे से भी कम समय में, वह मर चुकी थी।

दिल्ली की पूरी पत्रकार बिरादरी हिल गई

सौम्या पत्रकार थीं। इस वजह से दिल्ली की पूरी पत्रकार बिरादरी हिल गई। मामला काफी दिनों तक सुर्खियों में बना रहा। पुलिस पर दबाव खुलासे का दबाव था, लेकिन दिल्ली पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल रहा था जिससे वे ये इस मामले में दोषियों को पकड़ पाएं। इस मामले में तब नया मोड़ आया जब छह महीने बाद आईटी सेक्टर में काम करने वाली वसंत कुंज की एक और लड़की जिगिषा घोष की लूटपाट के चलते हत्या कर दी गई। जिगिषा की हत्या भी उन्हीं लड़कों ने की थी जिन्होंने सौम्या की जान ली थी। जिगिषा मामले में पूछताछ के दौरान एक आरोपी ने यह बताया कि छह महीने पहले उन्होंने एक और लड़की को मारा था।

जितिशा घोष हत्याकांड का सौम्या केस कनेक्शन

असल में, दिल्ली पुलिस IT प्रोफेशनल जिगिशा घोष की हत्या का मामला सुलझाने में ज्यादा समय नहीं लगा। पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए कई चीजों का इस्तेमाल किया था। इसमें एक हाथ पर बना टैटू, एक पुलिसवाले से चोरी हुआ वायरलेस सेट और CCTV फुटेज शामिल थे। इन्हीं चीजों की मदद से पुलिस टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन के हत्यारों तक भी पहुंची। रवि कपूर, अमित शुक्ला और बलजीत मलिक को 2009 में जिगिशा घोष की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्होंने 2008 में सौम्या विश्वनाथन की हत्या में भी अपनी भूमिका स्वीकार कर ली।

अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई

दिल्ली की एक अदालत ने चार लोगों को दोषी ठहराया। इन लोगों के नाम रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार हैं। इन सभी को विश्वनाथन की हत्या के लिए संगठित अपराध सिंडिकेट का सदस्य माना गया। अदालत ने अजय सेठी को भी दोषी पाया। अजय सेठी पर चोरी की संपत्ति रखने और संगठित अपराध में मदद करने का आरोप था। पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपियों के कबूलनामे के बाद अजय कुमार और अजय सेठी को गिरफ्तार किया गया। इन सभी पांचों पर 30 सितंबर 2009 की सुबह सौम्या विश्वनाथन की हत्या का आरोप लगाया गया। सौम्या उस समय ऑफिस से घर लौट रही थीं। जिगिशा घोष को 18 मार्च 2009 को लूटा गया और उनकी हत्या कर दी गई।

फरीदाबाद के सूरज कुंड इलाके में मिली थी जिगिषा की लाश

जिगिशा की हत्या का मामला उनकी लाश फरीदाबाद के सूरज कुंड इलाके से मिलने के दो-तीन दिन बाद ही सुलझ गया था। पहली अहम जानकारी CCTV फुटेज से मिली। फुटेज में दिख रहा था कि एक आरोपी के हाथ पर टैटू है और वह जिगिशा के डेबिट कार्ड से शॉपिंग कर रहा है। एक अन्य आरोपी वायरलेस सेट लिए हुए था और उसने टोपी पहन रखी थी।

लड़की को अगवा किया, लूटपाट करने के बाद हत्या कर दी

आरोपियों ने जिगिषा को वसंत विहार में उसके घर के पास से अगवा किया था। बाद में लूटपाट करने के बाद उसकी हत्या कर दी और लाश को फेंक दिया। उन्होंने उसके डेबिट कार्ड से शॉपिंग भी की। पुलिस को थोड़ा आश्चर्य हुआ जब रवि कपूर ने खुद बताया कि उन्होंने एक और लड़की की हत्या नेल्सन मंडेला मार्ग पर की थी, जो वसंत विहार से ज्यादा दूर नहीं है। उन्होंने यह भी बताया कि दो अन्य सहयोगी – अजय कुमार और अजय सेठी – भी उस हत्या में शामिल थे।

तत्कालीन पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) एचजीएस धालीवाल ने तुरंत अधिकारियों की एक और टीम बनाई और तत्कालीन ACP भीष्म सिंह को दोनों हत्या मामलों की जांच करने के लिए नियुक्त किया। सौम्या की हत्या के मामले में पुलिस के पास सिर्फ आरोपियों का कबूलनामा था। इसलिए उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती फोरेंसिक सबूत इकट्ठा करना था। विश्वनाथन की हत्या की रात कपूर मारुति वैगन आर कार चला रहा था और शुक्ला उसके बगल में बैठा था। मलिक और कुमार पीछे की सीट पर बैठे थे। सभी नशे में थे।

अभी इस मामले में क्या चल रहा है?

साकेत कोर्ट ने 25 नवंबर 2023 को रवि कपूर, अमित शुक्ला, बलजीत मलिक और अजय कुमार को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं, अजय सेठी को ₹7.25 लाख समेत तीन साल की सजा दी गई। फरवरी 2024 में हाई कोर्ट ने तर्क दिया कि चारों अभियुक्त पहले से ही लगभग 14 वर्ष जेल में गुज़ार चुके हैं, और उनके अपील की सुनवाई तक सजा को निलंबित कर उन्हें जमानत दे दी। दिल्ली पुलिस की विशेष उच्च न्यायालय (SLP) याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई 2024 को चारों दोषियों को नोटिस जारी किया है, जिसमें हाई कोर्ट की जमानत आदेश को चुनौती दी गई है। इस मामले में फिलहाल सुप्रीम कोर्ट की अगली सुनवाई का इंतज़ार किया जा रहा है। पुलिस की याचिका में यह मांग है कि दोषियों की जमानत को रद्द किया जाए और वो जेल वापस भेजे जाएं, जब तक अपीलों पर अंतिम निर्णय नहीं आता।
दिल्ली की खूनी कथा, पार्ट-1 पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए
दिल्ली की खूनी कथा पार्ट-2 पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए
दिल्ली की खूनी कथा पार्ट-3 पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए
दिल्ली की खूनी कथा पार्ट-4 पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिएदिल्ली की खूनी कथा पार्ट-5 पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए
दिल्ली की खूनी कथा पार्ट-6 पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए

वरुण शैलेश

लेखक के बारे में

वरुण शैलेश

वरुण शैलेश NBT डिजिटल में असिस्टेंट न्यूज एडिटर हैं। उन्हें इंटरनेशनल रिलेशन,सोशल इश्यूज, फूड और कल्चर पर लिखना पसंद है। इससे पहले वह दैनिक भास्कर डिजिटल, आजतक डॉट इन में काम कर चुके हैं। 2009 में न्यूज एजेंसी IANS से पत्रकारिता की शुरुआत करने के बाद हिंदुस्तान और दैनिक जागरण जैसे अखबारों के सेंट्रल डेस्क पर रहे। बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी से ग्रेजुएशन और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन (IIMC), नई दिल्ली से पत्रकारिता की पढ़ाई के बाद जर्नलिज्म में एक्टिव हैं। वह मानते हैं कि खाना बनाने का शौक इंसान को संवेदनशील और लोकतांत्रिक बनाता है।… और पढ़ें

Read More

0 Votes: 0 Upvotes, 0 Downvotes (0 Points)

Leave a reply

Recent Comments

No comments to show.

Stay Informed With the Latest & Most Important News

I consent to receive newsletter via email. For further information, please review our Privacy Policy

Advertisement

Loading Next Post...
Follow
Sign In/Sign Up Sidebar Search Trending 0 Cart
Popular Now
Loading

Signing-in 3 seconds...

Signing-up 3 seconds...

Cart
Cart updating

ShopYour cart is currently is empty. You could visit our shop and start shopping.