तहव्वुर राणा का डेविड हेडली से कनेक्शन जानें, आज भारत आ रहा 26/11 मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड

AdminUncategorized1 month ago48 Views

वॉशिंगटन: मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को हुए आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को भारत लाया जा रहा है। तहव्वुर राणा ने ही डेविड हेडली को भारत भेजकर मुंबई के ताज होटल समेत कई जगहों की रेकी करवाई थी। पाकिस्तानी आर्मी में रहा राणा और हेडली पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक मेजर के संपर्क में थे। वह मेजर भी अब विदेश में कहीं है। साजिश के तहत राणा पाकिस्तान छोड़कर कनाडा गया। वहां इमिग्रेशन ऑफिस चलाने के झांसे के बाद अमेरिका चला गया। वह तब से वहीं रह रहा था। अब ताजा खुलासा हुआ है कि तहव्वुर राणा और डेविड हेडली के बीच नजदीकी संबंध था।

हेडली ने राणा को 231 बार किया था कॉल

इंडिया टुडे टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के डोजियर में तहव्वुर राणा और डेविड हेडली के बीच संबंधों का ब्योरा दिया गया है। डोजियर में बताया गया है कि पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के साजिशकर्ता तहव्वुर हुसैन राणा के संपर्क में था और 26/11 हमलों से पहले भारत की अपनी आठ यात्राओं के दौरान उसे 231 बार कॉल किया था।

पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर था तहव्वुर राणा

14 सितंबर, 2006 को टोह लेने के लिए अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान हेडली ने राणा को 32 से अधिक बार कॉल किया था। पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक राणा पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के रूप में काम करता था। बाद में वह हेडली के साथ मिलकर काम कर रहा था, जो 26/11 हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक था। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे।

भारत की कड़ी मेहनत के बाद राणा का हुआ प्रत्यर्पण

रिपोर्ट में बताया गया है कि हेडली ने अपनी दूसरी यात्रा के दौरान राणा को 23 बार, अपनी तीसरी यात्रा के दौरान 40 बार, अपनी पांचवीं यात्रा के दौरान 37 बार, अपनी छठी यात्रा के दौरान 33 बार और अपनी आठवीं यात्रा के दौरान 66 बार कॉल किया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर यह कहे जाने के बमुश्किल दो महीने बाद कि उनकी सरकार ने “बेहद दुष्ट” राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है, 26/11 हमले का आरोपी आखिरकार कानूनी कार्यवाही का सामना करने के लिए कल सुबह भारत पहुंच जाएगा।

तहव्वुर राणा और डेविड हेडली के संबंध जानें

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, तहव्वुर राणा ने भारत में आतंकवादी हमलों को संगठित करने की आपराधिक साजिश को पूरा करने के लिए डेविड हेडली और अन्य सह-षड्यंत्रकारियों को रसद, वित्तीय और अन्य सहायता प्रदान की। तहव्वुर राणा ने डेविड हेडली, अब्दुर रहमान हाशिम सैयद और इलियास कश्मीरी के साथ मिलकर भारत में भविष्य के हमलों की योजना बनाई और तैयारियां भी कीं। डेविड हेडली के कहने पर ही तहव्वुर राणा ने मुंबई हमले से पहले दुबई में अब्दुर रहमान से मुलाकात की थी। 2005 की शुरुआत में डेविड हेडली ने लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और हूजी के इशारे पर भारत पर हमला करने के लिए लोगों की हत्या और संपत्ति को नष्ट करने के लिए टोही गतिविधियों को अंजाम देने की आपराधिक साजिश रची थी।

हाफिज सईद के आदेश पर भारत आया था हेडली

लश्कर के संस्थापक हाफिज सईद ने डेविड हेडली को भारत की यात्रा करने और आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए संभावित लक्ष्यों की पहचान करने का निर्देश दिया था। सईद ने डेविड हेडली को तहव्वुर राणा से सहायता लेने और यात्रा के लिए उसके संपर्कों का उपयोग करने और अपनी यात्रा के वास्तविक उद्देश्य को छिपाने का निर्देश दिया। जून 2006 में डेविड हेडली शिकागो गया और तहव्वुर राणा के साथ पूरी साजिश पर चर्चा की। डेविड हेडली ने तहव्वुर राणा की सहायता ली और लश्कर द्वारा सौंपे गए काम को अंजाम देने के लिए उसकी इमिग्रेशन फर्म ‘फर्स्ट वर्ल्ड इंटरनेशनल’ का इस्तेमाल किया।

राणा ने हेडली को भारत कैसे भेजा

30 जून, 2006 को डेविड हेडली ने तहव्वुर राणा के सक्रिय समर्थन से मुंबई में शिकागो में इमिग्रेशन लॉ सेंटर का एक ब्रांच ऑफिस स्थापित करने के उद्देश्य से भारत आने के लिए मल्टीपल एंट्री बिजनेस वीजा के लिए आवेदन किया। 14 सितंबर, 2006 को डेविड हेडली मुंबई पहुंचा। उसके आगमन पर, भारत में तहव्वुर राणा के एक संपर्क ने हेडली का स्वागत किया। तहव्वुर राणा ने उक्त व्यक्ति को डेविड हेडली के स्वागत, परिवहन, आवास और ऑफिस के साथ रहने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया था। तहव्वुर राणा के संपर्क ने पहले हेडली के मुंबई के होटल आउट्राम में ठहरने की व्यवस्था की थी। बाद में वह एक अन्य संपर्क के घर में पेइंग गेस्ट के रूप में रहने लगा। जून 2007 में, तहव्वुर राणा की सहायता से, डेविड हेडली ने भारत के लिए अपने वीज़ा के विस्तार के लिए आवेदन किया।

प्रियेश मिश्र

लेखक के बारे में

प्रियेश मिश्र

नवभारत टाइम्स डिजिटल में डिजिटल कंटेंट राइटर। पत्रकारिता में दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, अमर उजाला जैसी संस्थाओं के बाद टाइम्स इंटरनेट तक 5 साल का सफर जो इंदौर से शुरू होकर एनसीआर तक पहुंचा है पर दिल गौतम बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर और गोरक्षनाथ की धरती गोरखपुर में बसता है। देश-विदेश, अंतरराष्ट्रीय राजनीति/कूटनीति और रक्षा क्षेत्र में खास रुचि। डिजिटल माध्यम के नए प्रयोगों में दिलचस्पी के साथ सीखने की सतत इच्छा।… और पढ़ें

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