पाकिस्तानी शायर की नज्म, देश में तख्त पलटने का भड़काऊ बयान, एक्टर की पत्नी पर केस

AdminUncategorized15 hours ago12 Views

नागपुर : महाराष्ट्र के नागपुर में दिवंगत अभिनेता और कार्यकर्ता वीरा साथीदार की पत्नी पुष्पा सहित तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उनके ऊपर भारत की एकता और अखंडता को खतरे में डालने और शत्रुता को बढ़ावा देने के आरोप लगा है। मामला नागपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में पाकिस्तानी कवि फैज अहमद फैज की नज्म ‘हम देखेंगे’ पढ़ने को लेकर दर्ज हुआ है।

पुलिस ने बताया कि कार्यक्रम 13 मई को नागपुर में वीरा साथीदार की स्मृति में आयोजित हुआ था। इस विवादास्पद कार्यक्रम से जुड़े लोगों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच संवेदनशील चरण में है।

इन धाराओं में केस

कार्यक्रम में की गई कथित भड़काऊ टिप्पणियों को लेकर भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 (भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालना), 196 (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 353 (शरारत के लिए लोगों को उकसाने वाले बयान) और 3(5) (साझा इरादा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।

कौन थे वीरा साथीदार

दिवंगत अभिनेता और कार्यकर्ता वीरा साथीदार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म ‘कोर्ट’ से मशहूर हुए थे। वीरा साथीदार का 13 अप्रैल 2021 को निधन हो गया था। वीरा साथीदार की याद में यह कार्यक्रम समता कला मंच के सहयोग से वीरा साथीदार स्मृति समन्वय समिति ने आयोजित किया था। आयोजन नागपुर के विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन हॉल में था। इसी कार्यक्रम में की गई टिप्पणियों के कारण विवाद पैदा हो गया।

यह थी वह नज्म

स्थानीय निवासी दत्तात्रेय शिर्के ने यह शिकायत सीताबर्डी थाने में दर्ज कराई है। आरोप है कि समता कला मंच की एक महिला सदस्य ने कथित तौर पर पाकिस्तान के मशहूर कवि फैज की कविताएं पढ़ीं जिनमें ये पंक्तियां भी थीं: ‘हम अहल-ए-सफा, मरदूद-ए-हरम, मसनद पे बिठाए जाएंगे, सब ताज उछाले जाएंगे, सब तख्त गिराए जाएंगे, हम देखेंगे…’ इस नज्म को व्यापक रूप से अधिनायकवाद के खिलाफ प्रतिरोध का आह्वान माना जाता है, शिकायतकर्ता ने इसे सरकार के खिलाफ प्रत्यक्ष उकसावे के रूप में व्याख्यायित किया।

नज्म के बाद भड़काऊ बयान

शिर्के ने कहा कि कार्यक्रम के दौरान एक पुरुष वक्ता ने कथित रूप से भड़काऊ टिप्पणी की। इसका एक वीडियो बनाया गया और बाद में एक मराठी समाचार चैनल ने दिखाया। शिकायत के अनुसार वक्ता ने कथित तौर पर कहा, ‘जो गीत के मीडियम से ये सत्ता हिला दी थी, उसी तरह से हमारे देश में भी तख्त हिलाने की प्रथा है। आज हम जिस दौर में हैं ये दौर फासीवाद का है। ये दौर तानाशाही का है।’

इस बीच, पुलिस ने मामले की जांच तेज कर दी है और वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि वे आयोजकों और उपस्थित लोगों सहित कार्यक्रम में मौजूद लोगों के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया में हैं। पुलिस के एक सूत्र ने बताया कि अब तक पांच लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं और संकेत दिया कि जल्द ही पूछताछ के लिए और लोगों को बुलाया जाएगा।

शशि मिश्रा

लेखक के बारे में

शशि मिश्रा

निष्पक्षता, ईमानदारी, आत्मविश्वास और जिज्ञासु वृत्ति के साथ पत्रकारिता। जुनून की शुरुआत 2007 में अमर उजाला से। दैनिक जागरण कानपुर ने तराशा। सहारा में पॉलिशिंग और नवभारत टाइम्स ने दी चमक। सफर Navbharattimes.com के साथ जारी। लिखने, घूमने और नई बातों को जानने एक्सप्लोर करने में दिलचस्पी। जीवन का फंडा: हर किसी के पास दो रास्ते होते हैं, भाग लो (Run) या भाग लो (Part)। मैं भागने की जगह भाग लेना चुनती हूं।… और पढ़ें

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