अब नोएडा में भी बनेंगे आईफोन! फॉक्सकॉन लगाने जा रही है फैक्ट्री, जानें क्या है कंपनी का प्लान

AdminUncategorized1 month ago38 Views

नई दिल्ली: एप्पल के लिए दुनिया की सबसे बड़ी वेंडर फॉक्सकॉन उत्तर प्रदेश में अपनी पहली फैक्ट्री लगाने की सोच रही है। यह फैक्ट्री ग्रेटर नोएडा में यमुना एक्सप्रेसवे के पास 300 एकड़ जमीन पर बन सकती है। इकनॉमिक टाइम्स ने सूत्रों के माध्यम से यह जानकारी दी है। यह पहली बार है जब फॉक्सकॉन यूपी में खुद से कोई यूनिट लगाएगा।

एक सूत्र ने बताया कि यह फैक्ट्री बेंगलुरु में बनने वाली फॉक्सकॉन की फैक्ट्री से भी थोड़ी बड़ी हो सकती है। बेंगलुरु वाली फैक्ट्री कंपनी की दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी फैक्ट्री होगी। अभी यह तय नहीं हुआ है कि ग्रेटर नोएडा वाली फैक्ट्री में क्या बनेगा। सरकार के साथ बातचीत चल रही है। फॉक्सकॉन न सिर्फ एप्पल, बल्कि माइक्रोसॉफ्ट और सोनी के लिए भी काम करती है। यह कंपनी स्मार्टफोन से लेकर टेबलेट, टीवी आदि इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट बनाती है। एप्पल आईफोन समेत अपने कई प्रोडक्ट फॉक्सकॉन में भी बनवाती है। नोएडा में फैक्ट्री लगने से करीब 40 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी।
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कहां ली है फॉक्सकॉन ने जमीन?

जिस जमीन पर फॉक्सकॉन की फैक्ट्री बन सकती है, वह उसी इलाके में है जहां HCL-फॉक्सकॉन ने 50 एकड़ जमीन OSAT (आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट) फैसिलिटी के लिए ली है। OSAT का मतलब है, सेमीकंडक्टर चिप्स को जोड़ने और टेस्ट करने की सुविधा। इस प्रोजेक्ट को अभी मंजूरी मिलना बाकी है।

एक अन्य सूत्र ने कहा कि भारत सरकार ने पिछले साल फॉक्सकॉन इंडस्ट्रियल पार्क प्रोजेक्ट के लिए 300 एकड़ जमीन का प्रस्ताव रखा था। अभी बातचीत शुरुआती दौर में है। अभी यह तय नहीं है कि कौन से प्रोडक्ट बनेंगे और कौन ग्राहक होंगे।

यह जमीन यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे है। यमुना एक्सप्रेसवे, ग्रेटर नोएडा को आगरा से जोड़ता है। इस जमीन का कामकाज यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) देखती है। यमुना एक्सप्रेसवे, जेवर में बन रहे नए एयरपोर्ट और नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को भी जोड़ता है।

नोएडा ही क्यों चुना?

काउंटरपॉइंट रिसर्च के वाइस-प्रेसीडेंट नील शाह ने कहा कि टैरिफ और दुनिया के माहौल को देखते हुए फॉक्सकॉन भारत में अपनी फैक्ट्री खोलना चाहती है। इससे उसे भविष्य में EMS (इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग सर्विसेज) के मौके मिल सकते हैं। EMS का मतलब है, दूसरी कंपनियों के लिए इलेक्ट्रॉनिक सामान बनाना। भारत अभी सबसे अच्छा विकल्प है।

शाह ने कहा कि नोएडा, चेन्नई की तरह एक बड़ा मैन्युफैक्चरिंग हब बन गया है। यहां पर अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर है, लोकल टैलेंट है और बहुत सारे सप्लायर भी हैं जो EMS प्रोवाइडर को सामान देते हैं। शाह ने आगे कहा कि अलग-अलग जगहों पर फैक्ट्री होने से फायदा होता है। इससे ग्राहकों के करीब रहने में मदद मिलती है और स्मार्ट डिवाइस से लेकर ऑटो तक के सामान बनाने में आसानी होती है।

नौकरी से लेकर मकान तक

दावा किया जा रहा है कि इस फैक्ट्री के बनने से करीब 40 हजार लोगों को नौकरी मिलेगी। यही नहीं, यहां काम करने वाले कर्मचारियों के लिए मकान भी बनेंगे। यानी इस फैक्ट्री में काम करने वाले कॉम्प्लेक्स में बने मकानों में ही रह सकेंगे। माना जा रहा है कि फॉक्सकॉन इस फैक्ट्री में मोबाइल फोन बनाएगी।

कई राज्यों में हैं फैक्ट्री

फॉक्सकॉन की फैक्ट्री तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना में पहले से ही हैं। सूत्रों के अनुसार, कंपनी ने श्री सिटी, आंध्र प्रदेश में अपना कामकाज बंद कर दिया है।

साइबरमीडिया रिसर्च में इंडस्ट्री रिसर्च ग्रुप के वाइस-प्रेसीडेंट प्रभु राम ने कहा कि भारत का बाजार मजबूत है और यह एक्सपोर्ट का हब बनता जा रहा है। दुनिया भर में सप्लाई चेन बदल रही है, जिससे भारत को फायदा हो रहा है। फॉक्सकॉन का भारत में निवेश बढ़ाना इसी बात को दिखाता है कि कंपनी भारत में अपनी मैन्युफैक्चरिंग को मजबूत करना चाहती है।

विस्तार कर रही कंपनी

एप्पल का यह सप्लायर यानी फॉक्सकॉन सिर्फ स्मार्टफोन तक ही सीमित नहीं रहना चाहती है। पिछले साल भारत दौरे पर फॉक्सकॉन के चेयरमैन यंग लियू ने कहा था कि कंपनी का लक्ष्य सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रिक वाहन, ऊर्जा और डिजिटल हेल्थ जैसे सेक्टरों में प्रोडक्शन करना है।

राजेश भारती

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राजेश भारती

राजेश भारती, नवभारतटाइम्स ऑनलाइन में असिस्टेंट न्यूज़ एडिटर के तौर पर बिजनेस की खबरों को कवर करते हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 15 वर्षों का अनुभव है। इससे पहले वह नवभारत टाइम्स अखबार में 5 साल से ज्यादा काम कर चुके हैं। वहां राजेश भारती ने विभिन्न विषयों जैसे- पर्सनल फाइनेंस, इंश्योरेंस, शेयर मार्केट, टेक, गैजेट्स, हेल्थ, एजुकेशन आदि पर फीचर स्टोरी लिखी हैं। नवभारत टाइम्स अखबार में काम करने से पहले इन्होंने दैनिक भास्कर, लोकमत जैसे अखबारों में रिपोर्टिंग और डेस्क, दोनों जगह काम किया है। राजेश भारती को ऑनलाइन के साथ प्रिंट का भी अनुभव है। वह भोपाल, इंदौर, औरंगाबाद (महाराष्ट्र) और रायपुर में काम कर चुके हैं। औरंगाबाद (महाराष्ट्र) में ऑल इंडिया रेडियो के लिए भी काम किया है।… और पढ़ें

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