पटना: इस साल के अंत में बिहार विधानसभा चुनाव होने हैं और उसके लिए NDA में सीट शेयरिंग का क्या फॉर्म्युला होगा, इसकी चर्चा चल रही है। सूत्रों के मुताबिक, सीट शेयरिंग को लेकर एक मीटिंग पटना में हो चुकी है। यह पहली मीटिंग थी और अब इस तरह की कई मीटिंग प्लान की गई हैं। राज्य स्तर पर बातचीत कर सीट शेयरिंग का एक बेसिक फॉर्म्युला तय किया जाएगा। फिर बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सीट बंटवारे के लिए आखिरी मुहर दिल्ली में पार्टी के सीनियर नेताओं की मीटिंग में लगेगी।
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए NDA में सीट शेयरिंग
बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी, जेडीयू, वीआईपी और हम पार्टी ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। बीजेपी ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा और जेडीयू ने 115 सीटों पर। तब बीजेपी ने 74 सीटों पर दर्ज की और जेडीयू 43 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई। हम ने 7 सीटों पर लड़ा और चार जीती। वीआईपी 11 पर लड़ी और चार जीती। वीआईपी अब महागठबंधन के साथ है। पिछले विधानसभा चुनाव में एलजेपी (पासवान) NDA का हिस्सा नहीं थी। तब एलजेपी (पासवान) ने 134 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। हालांकि सीट एक ही जीत पाई लेकिन जेडीयू को कई सीटों पर नुकसान हुआ। लेकिन इस बार वह एनडीए के साथ है।
चिराग की कितनी डिमांड?
एलजेपी (पासवान) केंद्र सरकार में भी शामिल है और पार्टी नेता बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों में से कम से कम 40 सीटों पर लड़ने की बात कर रहे हैं। जाहिर तौर पर सीट शेयरिंग में बीजेपी और जेडीयू दोनों की सीटें कम होंगी। इसे लेकर खींचतान है कि किस पार्टी की कितनी सीटें कम होंगी। बीजेपी के नेता अनौपचारिक बातचीत में कहते हैं कि बीजेपी कम से कम 100 सीटों पर तो लड़ेगी ही। इसका मतलब क्या यह होगा कि जेडीयू की सीटें ज्यादा कम होंगी?
BJP-JDU बराबर सीटों पर लड़ेगी चुनाव- सूत्र
हालांकि बीजेपी के एक नेता के मुताबिक, बीजेपी और जेडीयू लगभग बराबर सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। ये करीब 101-102 के आसपास हो सकती हैं। बाकी बची सीटों पर एलजेपी (पासवान), हम और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के उम्मीदवार होंगे। लोक सभा चुनाव में बीजेपी ने 17, जेडीयू ने 16, एलजेपी ने 5 और हम और राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने एक-एक सीट पर चुनाव लड़ा था।
एनबीटी लेंस- सीटें बढ़ाने की रस्साकशी
बीजेपी पहले ही कह चुकी है कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। लेकिन तब भी बीच-बीच में किसी नेता के ऐसे बयान आते रहते हैं जिससे यह संदेश जाता है कि सीएम कौन होगा, इसे लेकर कंफ्यूजन है। अब एलजेपी (पासवान) के नेता भी कह रहे हैं कि चिराग पासवान को विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए और राज्य में जिम्मेदारी संभालनी चाहिए। इन बयानबाजी को एक रणनीति मानी जा रही है, ताकि अपने खाते में ज्यादा सीटें डाली जा सकें। चिराग पासवान की पार्टी खुद के लिए 40-45 सीटों की मांग कर रही है।