मैदान नहीं छोड़ेंगे… यूनुस सरकार के बैन को मानने से शेख हसीना की अवामी लीग का इनकार, बड़ा ऐलान

AdminUncategorized2 weeks ago30 Views

ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को बैन कर दिया है। इस पर अवामी लीग ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए साफ किया है कि उनका राजनीतिक मैदान छोड़ने का कोई इरादा नहीं है। अवाम लीग ने इस फैसले को तानाशाही की पराकाष्ठा बताते हुए सियासी जमीन पर काम करते रहने का ऐलान किया है। अवामी लीग ने दुनियाभर के लोकतांत्रिक देशों से इस फैसले की निंदा करने की अपील की है। पार्टी का कहना है कि लोकतंत्र पसंद करने वाली तमाम संस्थाओं और देशों को इस निर्णय का विरोध करना चाहिए। अवामी लीग पर बैन और पार्टी के इसके खिलाफ विरोध से बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और बढ़ सकती है। बीते करीब एक साल से बांग्लादेश में लगातार सियासी उथल पुथल देखा जा रही है।

बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने अवामी लीग की सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी है। इसमें साइबर स्पेस भी शामिल है यानी इंटरनेट से जुड़े प्लेटफॉर्म पर भी पार्टी अपनी बात नहीं रख सकती है। सरकार ने यह फैसला आतंकवाद विरोधी कानून के तहत लिया है। बांग्लादेश का चुनाव आयोग अब अवामी लीग का रजिस्ट्रेशन रद्द करने पर फैसला लेगा। अवामी लीग का रजिस्ट्रेशन रद्द हो जाता है तो पार्टी आम चुनाव में हिस्सा नहीं ले पाएगी।

ये तानाशाही की हद: अवामी लीग

अवामी लीग ने यूनुस सरकार इस फैसले को ‘घृणा के साथ’ खारिज करते हुए कहा है कि वे प्रतिबंध के बावजूद अपना काम जारी रखेंगे। पार्टी ने एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में कहा, ‘हम फासीवादी तानाशाह यूनुस सरकार के फैसले को घृणा के साथ खारिज और विरोध करते हैं। अवामी लीग फासीवादी यूनुस सरकार के फैसले की अवहेलना करते हुए उचित तरीके से अपनी गतिविधियां जारी रखेगी।’

अवामी लीग ने आगे कहा है कि बहुत दुख की बात कि ‘आज के स्वतंत्र बांग्लादेश’ को ‘अलोकतांत्रिक फासीवादी’ सरकार की ओर से अवामी लीग की गतिविधियों पर प्रतिबंध देखना पड़ रहा है। यह सरकार लोगों के जनादेश के बिना देश चला रही है, जबकि देश ने अवामी लीग की नेतृत्व में स्वतंत्रता और संप्रभुता हासिल की है।

बांग्लादेश में अवामी लीग सबसे पुरानी और बड़ी पार्टियों में से एक है। पार्टी का गठन 1949 में हुआ था, तब बांग्लादेश पाकिस्तान का हिस्सा था और पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था। अवामी लीग ने पाकिस्तान में बंगालियों की स्वायत्तता के लिए लंबा आंदोलन किया। 1971 में देश की आजादी के बाद अवामी लीग लंबे समय सत्ता में रही है।

रिजवान

लेखक के बारे में

रिजवान

रिज़वान, उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले से ताल्‍लुक रखते हैं। उन्‍होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय और भारतीय जनसंचार संस्थान से पढ़ाई की है। अमर उजाला से पत्रकारिता की शुरुआत की। इसके बाद वन इंडिया, राजस्थान पत्रिका में काम किया। फिलहाल नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन में इंटरनेशनल डेस्‍क पर काम कर रहे हैं। राजनीति और मनोरंजन की खबरों में भी रूचि रखते हैं। डिजिटल जर्नलिज्म में काम का अनुभव करीब 8 साल है।… और पढ़ें

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