वेदों से लेकर शास्त्रीय संगीत तक… वेव्स समिट 2025 में दिखेंगे भारत की कला और बॉलिवुड के रंग

AdminUncategorized1 month ago49 Views

नई दिल्ली: भारत सरकार मई 2025 के पहले सप्ताह में मुंबई में वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंटरटेनमेंट (वेव्स) समिट आयोजित करने जा रही है। इस समिट में भारत के वेदों, ऋचाओं से लेकर शास्त्रीय, लोक, बॉलीवुड, बैंड, ऑर्केस्ट्रा, फिल्मी डांस, गरबा, भांगड़ा तक सभी का तड़का देखने को मिलेगा। सरकार ने देश की रचनात्मकता को सॉफ्ट पावर के रूप में विश्व के सामने प्रस्तुत करने की तैयारी की है। इस सांस्कृतिक पेशकश की थीम है – “जहां कला बोलती है, संस्कृति जोड़ती है।” इसी के मद्देनजर भारत 1 से 4 मई तक मुंबई में वेव्स समिट 2025 का आयोजन करेगा, जहां वह अपनी रचनात्मकता की विशाल दुनिया को विश्व के सामने प्रस्तुत करेगा।

वैश्विक सहभागिता और उद्देश्य
इस समिट के लिए भारत सरकार ने दुनिया के विभिन्न देशों को आमंत्रित किया है। वेव्स समिट रचनात्मकता के क्षेत्र में विश्व नेताओं, उद्योग के हितधारकों और रचनात्मक अग्रदूतों को एक मंच पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसका उद्देश्य मीडिया और मनोरंजन (एम एंड ई) क्षेत्र में संवाद, सहयोग और नवाचार को बढ़ावा देना है।

आयोजन की तैयारी
भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इस समिट को मनोरंजन और विविधता के नए धरातल पर ले जाने की तैयारी की है। इस दौरान होने वाली सभी प्रदर्शनियों को मंत्रालय द्वारा महाराष्ट्र सरकार, संस्कृति मंत्रालय, यूट्यूब, स्पॉटिफाई, बुक माई शो और अन्य योगदानकर्ताओं के सहयोग से संकलित किया जा रहा है।

उद्घाटन समारोह
चार दिवसीय समिट की शुरुआत एक भव्य ऑर्केस्ट्रा से होगी, जिसमें प्रसिद्ध संगीत निर्देशक एम.एम. कीरवानी देश के 50 जाने-माने संगीतकारों के साथ लाइव प्रदर्शन करेंगे। इस कार्यक्रम में देश की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को दर्शाते हुए श्रेया घोषाल (बंगाली), शंकर महादेवन (संस्कृत), सोनू निगम (हिंदी), मंगली (तेलुगु), के.एस. चित्रा (तमिल), और एम.एम. कीरवानी (मराठी और अंग्रेजी) भाग लेंगे। उद्घाटन समारोह का एक प्रमुख आकर्षण पुनर्जनन सूत्रधार होगा, जिसे मराठी और बॉलीवुड अभिनेता शरद केलकर प्रस्तुत करेंगे। यह प्रस्तुति वेदों की सूक्तियों और ऋचाओं से शुरू होकर भारतीय महाकाव्यों और आधुनिक सिनेमा तक की कहानी कहने की परंपरा को मंच पर प्रदर्शित करेगी। इसे हाइब्रिड नृत्य शैली, इमर्सिव विजुअल्स, और उत्कृष्ट संगीत व गीतों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा।

सांस्कृतिक प्रदर्शन
चार दिन के समिट में भारत की कला, संस्कृति और संगीत के सभी रूपों को प्रदर्शित करने का प्रयास किया जाएगा। ‘भारत की लय, दुनिया की गूंज’ के तहत भारतीय शास्त्रीय संगीत वाद्यों की जुगलबंदी ‘उद्घोष’ नाम से प्रस्तुत की जाएगी। इसमें विश्व मोहन भट्ट, येल्ला वेंकटेश्वर राव, रोनू मजूमदार, विजय घाटे, मैसूर मंजूनाथ, बृज नारायण, तरुण भट्टाचार्य, सुकन्या रामगोपाल, बिक्रम घोष और जयंती कुमारेश जैसे पद्म पुरस्कार और अकादमी सम्मान से सम्मानित संगीतकार अपने कला का जादू बिखेरेंगे।

नवाचार और फ्यूजन
विश्वविख्यात संगीतकार ए.आर. रहमान ‘झाला’ नामक प्रस्तुति में शास्त्रीय रागों को आधुनिक वाद्ययंत्रों और इलेक्ट्रॉनिक साउंडस्केप के साथ मिलाकर एक अनूठा फ्यूजन पेश करेंगे। इसके अलावा, प्रसिद्ध गायिका श्रेया घोषाल 20 से अधिक भारतीय भाषाओं में गीतों के माध्यम से भारतीय संगीत की विविधता को प्रस्तुत करने वाली सिम्फनी प्रस्तुत करेंगी।

भारतीय सिनेमा का सफर
समिट का एक प्रमुख आकर्षण भारतीय सिनेमा पर आधारित कार्यक्रम होंगे। अनुपम खेर द्वारा संकलित एक प्रस्तुति में संगीत और कोरियोग्राफी के माध्यम से भारतीय सिनेमा के सफर को दिखाया जाएगा। इसमें कुलप्रीत सिंह, वामिका गब्बी, और राशा थडानी जैसे कलाकार इस यात्रा को साकार करेंगे। इसके अलावा, शंकर महादेवन का बैंड हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, बांग्ला और पंजाबी सहित विभिन्न भारतीय भाषाओं में गीतों के माध्यम से भारतीय फिल्म संगीत की दुनिया की मंत्रमुग्ध कर देने वाली यात्रा प्रस्तुत करेगा।

लोक और सूफी संगीत पर चर्चा
फिल्म संगीत में सूफी, लोक और गजल के प्रभाव को दर्शाने के लिए रोशन अब्बास के साथ प्रसून जोशी, मालिनी अवस्थी, नंदेश उमाप, पापोन और इला अरुण जैसे दिग्गज क्षेत्रीय लय, धुन और थीम के आधुनिक संगीत, विशेष रूप से फिल्म संगीत, पर प्रभाव पर चर्चा करेंगे।

महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत
महाराष्ट्र की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रम में भक्ति संगीत, अभंग, वारी, पारंपरिक लोक वाद्यों की जुगलबंदी, लावणी, साल्सा और गोंधल जैसे नृत्य-संगीत आधारित प्रदर्शन शामिल होंगे।

लोकगीतों का उत्सव
प्रसिद्ध संगीतकार शांतनु मोइत्रा एक विशेष कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे, जिसमें भारत भर के फसलों से जुड़े लोकगीतों को संगीत, कहानी और खूबसूरत विजुअल्स के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें शान, अरुणा साईराम, पापोन, असीस कौर, जयतीर्थ मेवुंडी, रथीजीत भट्टाचार्जी, अंबी सुब्रमण्यम और श्रीधर पार्थसारथी जैसे नामचीन कलाकार शामिल होंगे।

विविध कलाओं का प्रदर्शन
इन चार दिनों में भारत के विभिन्न हिस्सों की संगीत, गीत, नृत्य, रंगमंच, और मार्शल आर्ट जैसी कलाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें पारंपरिक कलाओं के साथ-साथ आधुनिक बैंड, ऑर्केस्ट्रा और पॉप शामिल होंगे। मुंबई के धारावी ड्रीम प्रोजेक्ट की कच्ची धड़कन और साउथ कोरिया के बीटपेला हाउस की सिंगिंग के साथ एक हाई-वोल्टेज क्रॉस-कल्चरल प्रदर्शन होगा, जिसमें हिप-हॉप से लेकर सियोल का बीटबॉक्सिंग शामिल होगा।

पारंपरिक और आधुनिक नृत्य
नागालैंड की प्रसिद्ध चौकड़ी टेटसो सिस्टर्स का लोक संगीत, भारतीय शास्त्रीय नृत्यों पर आधारित मेलाकम कार्यक्रम, राजस्थान का कालबेलिया, गुजरात का गरबा, केरल का थिरुवथिराकल, राजस्थान का भवई नृत्य, महाराष्ट्र का दंडपट्टा, केरल का कलारीपयट्टू, तमिलनाडु का पारियाट्टम पराई और सिलंबम, कर्नाटक का ढोलू कुनिथा, और छत्तीसगढ़ का गौर मारिया जैसे मार्शल आर्ट आधारित कलाएं भी प्रदर्शित की जाएंगी।

टैलेंट हंट और समापनसमिट के दौरान आयोजित टैलेंट हंट प्रतियोगिताओं के माध्यम से कुछ चुनिंदा कलाकार अपनी कला का जादू प्रस्तुत करेंगे। समापन में म्यूजिक शोकेस के डीजे फिनाले चैलेंज के माध्यम से खोजे गए नए डीजे और प्रोड्यूसर्स द्वारा इलेक्ट्रॉनिक डांस म्यूजिक (ईडीएम) का जलवा होगा। दर्शक आधुनिक बीट्स, साउंड्स और भीड़ को झूमने वाली धुनों के साथ एक हाई-ऑक्टेन म्यूजिकल यात्रा का आनंद लेंगे।

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