सांवरिया सेठ मंदिर: आखिरी राउंड की गिनती पूरी, इस बार 29,09, 63 ,292

AdminUncategorized2 months ago30 Views

चितौडगढ़: राजस्थान के चितौडगढ़ जिले में मंडफिया स्थित विश्व प्रसिद्ध मंदिर सांवलिया सेठ मंदिर में चल रही भंडार की गिनती गुरूवार शाम को पूरी हो गई। इससे एक बार फिर सांवरा सेठ का खजाना लबालब भर गया। कुल पांच दिनों में हुई गिनती में इस बार 2909 63 292 (29 करोड़ 09 लाख 63 हजार 292)रुपए मिले। काउंटिंग मंदिर मंडल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी प्रभाव गौतम, नायब तहसीलदार शिव शंकर पारीक और प्रशासनिक अधिकारी नंदकिशोर टेलर की मौजूदगी में हुई।

कुल 5 दिन गिनती, 4 दिनों में प्रत्येक दिन पौने 5 करोड़ तक गिनती

पांच दिनों में की गई गिनती के अंतिम चरण में 2 करोड़ करोड़ 44 लाख 79 हजार 700 रुपए भंडार से मिले। इससे पहले 13 मार्च, पुर्णिमा होली को पहले दिन 7 करोड़ 55 लाख रुपए की गिनती हुई। इसके बाद धुलंडी, शनिवार, रविवार का अवकाश के चलते भंडार के रुपयों की गिनती नहीं की गई। इसके बाद सोमवार को दूसरे चरण की काउंटिंग में 4 करोड़ 97 लाख 20 हजार रुपए गिने गए। मंगलवार को तीसरे राउंड में 4 करोड़ 72 लाख 75 हजार रुपए गिने गए। बुधवार के दिन चौथे राउंड में की गिनती मेंं 4 करोड़ 75 लाख 20 हजार रुपए का आंकडा आया। वहीं आज गुरुवार को पांचवें राउंड में 2 करोड़ 44 लाख 79 हजार 700 रुपए गिनती हुई। इस प्रकार पांच दिनों में सांवरा सेठ के भंडार से 24 करोड़ 44 लाख 94 हजार 700 रुपए मिले।

ऑनलाइन और भेंट कक्ष में 46468592 करोड़ रुपए मिले

इसके अलावा 5वें दिन सांवलिया मंदिर के भेंट कक्ष और ऑनलाइन से मिले चढ़ावे की गिनती हुई जिसमें कुल 4 करोड़ 64 लाख 68 हजार 592 रुपए मिले, इसके बाद कुल राशि 29 करोड़ 09 लाख 63 हजार 292 रुपए एकत्र हुए। सांवरा सेठ के भंडार से दान से प्राप्त हुए सोने-चांदी का भी तौल पांचवे दिन किया गया। भंडार और ऑफिस के कुल 1133 ग्राम, 930 मिलीग्राम सोना, 135 किलो 302 ग्राम चांदी भी मिली है।

पिछले साल मार्च माह की तुलना में पौने 13 करोड़ अधिक

बताया जा रहा है कि गत साल मार्च माह में की गई गिनती में भंडार से कुल 17 करोड़ 44 लाख 27 हजार 661 रुपए निकले थे। ऐसे में पिछले साल मार्च की तुलना में लगभग पौने 13 करोड़ से अधिक भंडार से मिले।

खुशेंद्र तिवारी

लेखक के बारे में

खुशेंद्र तिवारी

नवभारत टाइम्स डिजिटल में राजस्थान के लिए काम करता हूं। पत्रकारिता की शुरुआत प्रिंट माध्यम से की। राजस्थान पत्रिका जयपुर में शिक्षा , कला , एंटरटेनमेंट और पॉजिटिव खबरों को लेकर काम किया। गुलाबी नगरी (जयपुर) का वासी, राजनीति और कला में विशेष रुचि।… और पढ़ें

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