10 बार के नेशनल चैंपियन ने MS धोनी की उम्र में लिया संन्यास, कौन हैं भारत का ये महानतम खिलाड़ी?

AdminUncategorized2 months ago42 Views

नई दिल्ली: कॉमनवेल्थ गेम्स में सात गोल्ड मेडल, एशियन गेम्स में दो मेडल और भारत के लिए पांच बार ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले 10 बार के नेशनल चैंपियन दिग्गज टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरत कमल ने रिटायर हो गए। शरत कमल ने भारत के लिए दो आईटीटीएफ प्रो टूर खिताब भी अपने नाम किए। 42 साल के ये दिग्गज भारतीय टेबल टेनिस इतिहास के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं। शरत कमल का जन्म 12 जुलाई 1982 को तमिलनाडु के चेन्नई में हुआ था।

शरत कमल को टेबल टेनिस विरासत मिली थी। उनके पिता पिता श्रीनिवास राव और चाचा मुरलीधर राव भी एक चैंपियन टेबल टेनिस प्लेयर थे। पिता और चाचा की छांव में शरत ने सिर्फ 4 साल की उम्र में टेबल टेनिस खेलना शुरू कर दिया था। 15 साल की उम्र तक शरत ने इस खेल में अपनी एक पहचान बना ली थी। शरत तेजी से नई ऊंचाइयों को माप रहे थे, लेकिन इसी बीच उन्हें एक ऐसा फैसला लेना पड़ा जो उनके करियर के लिए वरदान साबित हुआ।

टेबल टेनिस के लिए शरत कमल ने दी इंजीनियरिंग की कुर्बानी

15 साल की उम्र तक आते-आते उन्हें अपनी पढ़ाई और टेबल टेनिस में से किसी एक को चुनने का मुश्किल फैसला करना था। घर के लोग चाहते थे कि वह अपनी पढ़ाई पूरी करें। पिता की चाहत थी कि उनका लाडला इंजीनियर बने, लेकिन शरत को कुछ और ही मंजूर था। शरत ने इंजिनियर बनने की बजाय टेबल टेनिस में अपने करियर को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। बाद में शरत कमल ने भी माना कि टेबल टेनिस को चुनना उनका सबसे अच्छा फैसला था।

हालांकि, शरत के लिए नेशनल लेवल पर अपनी पहचान बनाने के लिए कड़ी मेहनत कड़ी पड़ी। पहली बार उन्हें साल 2002 कॉमनवेल्थ गेम्स में खेलने का मौका मिला। उस समय उनकी उम्र महज 20 साल थी। अपनी आक्रामक शैली के खेल से शरत कमल ने सबको खूब प्रभावित किया। इसके बाद से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और पूरी दुनिया में भारत का परचम लहराया।

कैसा रहा अचंता शरत कमल का करियर

भारतीय टेबल टेनिस के दिग्गज अचंत शरत कमल ने डब्ल्यूटीटी स्टार कंटेंडर चेन्नई 2025 में पुरुष एकल राउंड ऑफ 16 में स्नेहित सुरवज्जुला के खिलाफ मुकाबले के बाद संन्यास ले लिया। अपने हमवतन के खिलाफ 3-0 की हार का मतलब था कि यह शरत का अंतिम आधिकारिक मैच था। पांच बार के ओलंपियन और भारत के सबसे मशहूर पैडलर शरत ने टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले टेबल टेनिस से संन्यास की घोषणा की थी।
42 वर्षीय शरत, जो रिकॉर्ड 10 बार राष्ट्रीय चैंपियन रह चुके हैं, वर्तमान में भारत के शीर्ष रैंक वाले पुरुष एकल खिलाड़ी हैं, जो नवीनतम डब्ल्यूटीटी रैंकिंग सूची में 92वें स्थान पर हैं।

शरत ने अपने दो दशक लंबे करियर में 13 कॉमनवेल्थ गेम्स पदक, जिसमें साल गोल्ड मेडल और दो एशियाई खेलों के ब्रॉन्ज मेडल जीतने के साथ पांच ओलंपिक खेलों में भाग लिया। इसके अलावा उन्होंने दो आईटीटीएफ प्रो टूर खिताब जीते हैं। उन्होंने 2003 में अपना पहला राष्ट्रीय खिताब और 2004 की राष्ट्रमंडल टेबल टेनिस चैंपियनशिप में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक जीता था। 2004 के एथेंस ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने पर उनके करियर का ग्राफ एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया।

2004 में शरत को मिला अर्जुन पुरस्कार

अचंता शरत कमल को 2004 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया और उन्होंने लगातार पांच राष्ट्रीय खिताब जीते। मेलबर्न में 2006 के कॉमनवेल्थ गेम्स में एक ऐतिहासिक सिंगल गोल्ड मेडल और पुरुष टीम स्पर्धा में एक और स्वर्ण पदक ने एक सफल वर्ष का समापन किया था। 2010 में, वह मिस्र ओपन जीतकर आईटीटीएफ प्रो टूर खिताब जीतने वाले पहले भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी बने। शरत ने 2010 में मेंस टीम और मेंस डबल में दो और कॉमनवेल्थ गेम्स के गोल्ड मेडल जीते।

उन्होंने कुछ सालों तक खराब प्रदर्शन किया, 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स या एशियाई खेलों में कोई खिताब या मेडल नहीं जीता और 2012 के लंदन ओलंपिक के लिए भी क्वालीफाई नहीं कर पाए। लेकिन उन्होंने 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग लेने वाले प्रत्येक इवेंट में पदक जीते (गोल्ड, सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल)। उन्होंने 2018 एशियाई खेलों में दो ब्रॉन्ज पदक भी जीते।

शरत कमल ने उम्र को नहीं होने दिया हावी

साल 2019 में शरत कमल ने करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग 30वीं हासिल की और उसी वर्ष, रिकॉर्ड नौवां राष्ट्रीय खिताब जीता। अगले वर्ष, 37 वर्ष की आयु में, शरत ने अपने पहले खिताब के एक दशक बाद ओमान ओपन में अपना दूसरा अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता। टोक्यो 2020 ग्रीष्मकालीन खेलों में, यह उनका चौथा ओलंपिक प्रदर्शन था, लेकिन पहले दौर में बाई पाने वाले भारतीय दिग्गज, राउंड ऑफ 32 में चीनी दिग्गज और अंतिम स्वर्ण पदक विजेता मा लोंग से 4-1 से हार गए।

अपनी उम्र के बावजूद, शरत ने धीमा पड़ने के कोई संकेत नहीं दिखाए हैं, क्योंकि उन्होंने 2021 एशियाई टेबल टेनिस चैंपियनशिप में पुरुष टीम और पुरुष युगल स्पर्धाओं में कांस्य पदक जीता। अप्रैल 2022 में, उन्होंने फाइनल में सत्यन ज्ञानसेकरन पर 4-3 की प्रभावशाली जीत के साथ अपना 10वां राष्ट्रीय खिताब जीता। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में, उन्होंने पुरुष एकल में स्वर्ण पदक जीता।

2022 में मिला था मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार

शरत कमल ने श्रीजा अकुला के साथ सीडब्ल्यूजी 2022 में मिश्रित टीम का स्वर्ण पदक, सत्यन ज्ञानसेकरन के साथ पुरुष युगल रजत और पुरुष टीम का स्वर्ण पदक भी जीता। शरत को उसी वर्ष भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान – मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। यह अनुभवी खिलाड़ी हांगझाऊ में होने वाले एशियाई खेलों 2022 के लिए भारतीय टेबल टेनिस टीम का भी हिस्सा था और उसने भारत को पेरिस 2024 के लिए टीम कोटा दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी, जो ओलंपिक में देश के लिए पहली बार था।

शरत पेरिस 2024 ओलंपिक उद्घाटन समारोह में दिग्गज शटलर पीवी सिंधु के साथ भारत के ध्वजवाहक थे, जिससे वह यह सम्मान पाने वाले भारत के पहले टेबल टेनिस खिलाड़ी बन गए। दुर्भाग्य से, पुरुष एकल में उनका सफर शुरुआती दौर में हार के बाद समय से पहले ही समाप्त हो गया।

जितेंद्र कुमार

लेखक के बारे में

जितेंद्र कुमार

2016 में एबीपी न्यूज के साथ पत्रकारिता करियर का शानदार आगाज किया। करिश्माई सफर इंडिया टीवी से होता हुआ नवभारत ऑनलाइन तक पहुंचा है। खेल के मोमेंट्स के धागे खोलने में महारत हासिल है। कोहली का बल्ला चूक सकता है, लेकिन यहां खबरों का अंबार लगता रहता है।… और पढ़ें

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