AdminUncategorized12 hours ago6 Views

डीग: कई बार ऐसे केस सामने आते हैं जब कानून की रक्षा करने वाले ही कानून का मखौल उड़ाते हैं। वर्दी की आड़ में वे जमकर गुंडागर्दी और लूटमार करते हैं। ऐसे मामलों में न्यायालय द्वारा समय-समय पर पुलिस की गुंडागर्दी को बेनकाब किया किया जाता है जिससे पीड़ित परिवार को न्याय की आस जगती है। हाल ही में डीग जिले में पुलिस की गुंडागर्दी का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया। पुलिस ने एक परिवार के कई लोगों को जमकर पीटा। यहां तक कि एक युवक के दोनों पैर तोड़ दिए। एसपी ने भी पीड़ित परिवार की गुहार नहीं सुनी तो कोर्ट की शरण ली गई। अब कोर्ट ने SHO सहित सात पुलिसकर्मियों के खिलाफ उन्हीं के थाने में एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। जिले के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-2 ने ये आदेश दिए हैं।

घर में घुसकर पीटा और घसीट कर ले गए

एडवोकेट मुस्ताक अहमद बताते हैं कि पुलिस की गुंडागर्दी वाली यह घटना 11 अप्रैल की है। सुबह करीब दस बजे गोपालगढ थाने के एएसआई राधाचरण सहित पांच पुलिसकर्मी पीड़िता असमीना के घर आए। असमीना के पति तारीफ फारुख अलवर स्थित एक प्राइवेट कंपनी में नौकरी करते हैं। ईद के दिन तारीफ फारुख अपने घर आए हुए थे। पुलिसकर्मियों ने जबरन घर में घुसकर तारीफ फारूक के साथ मारपीट की। बेरहमी से पीटते हुए उसे घसीट कर पुलिस की गाड़ी में बैठाया और थाने ले गए। असमीना ने अपने पति को बचाने की कोशिश की तो पुलिसकर्मियों ने उसके साथ भी मारपीट की।

शाम को फिर से आए पुलिसकर्मियों ने की घरों में तोड़फोड़

पीड़ित महिला के मुताबिक 11 अप्रैल की शाम करीब चार बजे गोपालगढ एसएचओ मनीष शर्मा सहित करीब 40 लोग फिर से उनके घर आए। चाचा के घर में घुसकर जमकर तोड़फोड़ की। परिवार के सदस्यों के साथ भी मारपीट की। महिला सदस्यों के साथ भी पुलिस वालों ने मारपीट की। पुलिस वाले कह रहे थे कि वे साइबर ठग की तलाश में आए हैं। हालांकि पीड़ित परिवार का कहना है कि उनके घर में कोई साइबर ठगी नहीं है। प्राइवेट नौकरी करके परिवार का गुजारा करते हैं।

दोनों पैर तोड़ दिए, एसपी ने भी नहीं सुनी गुहार

असमीना का आरोप है कि अगले दिन 12 अप्रैल को पुलिस ने उनके पति तारीफ फारुक को छोड़ दिया। उस दौरान फारूक के दोनों पैर टूटे हुए थे। परिवार वाले उन्हें स्थानीय अस्पताल लेकर गए तो डॉक्टरों ने बताया कि दोनों पैरों में फैक्चर है। बाद में जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में फारूक का इलाज कराया गया। पीड़िता का कहना है कि वे डीग एसपी कार्यालय भी गई। वहां एसपी के सामने न्याय की गुहार लगाई लेकिन एसपी ने भी सुनवाई नहीं की। ऐसे में परेशान होकर न्यायालय की शरण लेते हुए याचिका लगाई।

इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा

असमीना की याचिका पर डीग जिले के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-2 ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। जिस थाने में ये पुलिसकर्मी तैनात हैं। उसी थाने में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए गए। जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। उनमें एसएचओ मनीष शर्मा, एएसआई राधाचरण, हैड कांस्टेबल विनोद, हैड कांस्टेबल हिदेश, कॉन्स्टेबल साहिल खान, कॉन्स्टेबल रूपन कुमार और एक अन्य पुलिसकर्मी शामिल है।

पुलकित सक्सेना

लेखक के बारे में

पुलकित सक्सेना

मैं नवभारत टाइम्स डिजिटल में राजस्थान के लिए काम करता हूं। मेरी पत्रकारिता की शुरुआत दिल्ली से हुई है। देश और राजस्थान में होने वाली राजनीति में मेरी रुचि है। मैं राजनीति, शिक्षा, कला, एंटरटेनमेंट और पॉजिटिव खबरों को लेकर कार्य करने में कुशल हूं। मेरा गृह निवास गुलाबी नगरी जयपुर में है।… और पढ़ें

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