तेहरान: ईरान ने पहली बार स्वीकार किया कि बीते रविवार को अमेरिकी हमलों में उसके परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, उसने यह नहीं बताया कि यह नुकसान कितना बड़ा है। इस बीच अमेरिका और इजरायल की टेंशन ईरान के 400 किलोग्राम यूरेनियम भंडार को लेकर है, जो गायब बताया जा रहा है। यह यूरेनियम भंडार 60 प्रतिशत संवर्धित है, जो परमाणु बनाए जाने के काफी करीब है। अमेरिकी हमले के बाद से ही ईरान का 400 किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम का भंडार रहस्य बना हुआ है। बताया जाता है कि इस भंडार से 10 एटम बम बनाए जा सकते हैं।

अमेरिकी और इजरायली खुफिया अधिकारियों ने पहले ही यह आकलन किया था कि परमाणु सुविधाओं पर हमले की संभावना में ईरान अपने यूरेनियम भंडार को हटा सकता है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी माना कि ईरान का यूरेनियम भंडार गायब हो सकता है। उन्होंने इसे लेकर ईरान के साथ आने वाले हफ्तों में बातचीत की बात कही, लेकिन ट्रंप प्रशासन ने इस संभावना को खारिज किया कि यूरेनियम भंडार को हटाया गया है।

ट्रंप ने भंडार हटाने के दावों को बताया गलत

डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में बताया कि फोर्डो परमाणु सविधा पर बमबारी से भंडार नष्ट हो गया या फिर दब गया। उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘सुविधा से कुछ भी निकाला नहीं गया।’ उन्होंने तर्क दिया कि ‘यह बहुत लंबा, बहुत खतरनाक, बहुत भारी और ट्रांसफर करने में मुश्किल होगा।’ वॉइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैरोलिन लेविट ने कहा कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी ईरानी परमाणु स्थलों पर कड़ी नजर रख रही हैं और ‘अमेरिका को इस बात को कोई संकेत नहीं मिला कि हमले से पहले संवर्धित यूरेनियम को कहीं और ले जाया गया।’

अमेरिकी खुफिया एजेंसियां भी असमंजस में

न्यूयॉर्क टाइम्स ने मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के हवाले से बताया है कि खुफिया एजेंसियां अभी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंची हैं कि ईरान के पास कितना भंडार सुरक्षित है। गुरुवार को सीनेट की गोपनीय ब्रीफिंग के बाद ट्रंप की अपनी रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों ने जोर दिया कि भंडार को जब्त करना या सुरक्षित रखना अमेरिकी सैन्य मिशन का हिस्सा नहीं था। दक्षिण कैरोलिना के रिपब्लिकन सांसद लिंडसे ग्राहम ने कहा कि मुझे नहीं पता कि 400 किलोग्राम यूरेनियम कहां है, लेकिन यह निर्धारित लक्ष्य का हिस्सा नहीं था।

ग्राहम ने कहा कि वे आज नष्ट हो गए हैं, लेकिन फिर से बन सकते हैं। इस बात को लेकर भी संशय की स्थिति है कि ईरान का मूल भंडार असल में कहां था। ट्रंप ने कहा कि यह फोर्डो में था, जबकि दूसरों ने सुझाव दिया है कि कुछ नतांज में था। अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने कहा कि अधिकांश भंडार इस्फहान में था, जहां ईरान के रिएक्टर और अन्य परमाणु सुविधाएं थीं, जो यूरेनियम का इस्तेमाल करती थीं। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि ईरान ने अपने भंडार को अलग-अलग जगहों पर बिखेरकर रखा है।

IAEA ने भी मानी भंडार को हटाने की बात

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के महानिदेश राफेल ग्रॉसी ने बताया कि ईरानियों ने यूरेनियम भंडार को इतने छोटे कंटेनरों में रखा था कि इसे कार के ट्रंक में रखा जा सकता था। इस्फहान पर अमेरिकी हमले से पहले के दिनों में वाहनों से प्रयोगशालाओं में कुछ लाने या बाहर ले जाने के सबूत मिले थे। आईएईए के अधिकारियों का कहना है कि 60 प्रतिशत यूरेनियम का भंडार ईरान की सबसे कीमती राष्ट्रीय संपत्ति थी। ऐसे में कोई सामान्य बुद्धि वाला भी इसे किसी एक जगह पर छोड़ने के बारे में नहीं सोचेगा। आईएईए के महानिदेश ग्रॉसी ने ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि इसे पूरा ले जाया गया है या नहीं, लेकिन सबूत बताते हैं कि इसका बड़ा हिस्सा बाहर ले जाया गया है।’

विवेक सिंह

लेखक के बारे में

विवेक सिंह

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जनपद से ताल्लुक, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई के बाद अमर उजाला डिजिटल के साथ करियर की शुरुआत की. अमर उजाला के बाद न्यूज 18 यूपी/उत्तराखंड, आवाज न्यूज वीडियो एप, वन इंडिया और एबीपी न्यूज डिजिटल में काम किया. वर्तमान में नवभारत टाइम्स डॉट कॉम में इंटरनेशनल डेस्क पर कार्यरत हूं. देश की राजनीति पर भी लिखने में रुचि है.… और पढ़ें

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