AdminUncategorized1 month ago31 Views

संयुक्त राष्ट्र: भारत दशकों से मांग कर रहा है कि उसे संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की स्‍थायी सदस्‍यता दी जाए। भारत ने इसके लिए जी4 गुट के साथ एक अभियान भी चला रखा है। हाल ही में भारत ने सुरक्षा परिषद के सुधार के दौरान मुस्लिम देश को स्‍थायी सदस्‍यता देने की तुर्की के राष्‍ट्रपति एर्दोगन के मांग को खारिज कर दिया था। अब संयुक्‍त राष्‍ट्र से भारत के लिए एक अच्‍छी खबर आई है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार पर अंतरसरकारी वार्ता (आईजीएन) के अध्यक्ष ने गुरुवार को कहा कि यदि विश्व निकाय के सुरक्षा परिषद के विस्तार पर निर्णय लिया जाता है तो निश्चित रूप से भारत इसका एक प्रमुख दावेदार होगा।

राजदूत तारिक अलबनई ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘जाहिर है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अगर सुधार किया जाता है, तो उसका उद्देश्य यह होना चाहिए कि वह सभी देशों का सही प्रतिनिधित्व करे।’ उन्होंने कहा कि भारत आज वैश्विक मंच पर एक अहम और बड़ा देश है। अलबनई ने कहा ‘लेकिन संयुक्त राष्ट्र में कुल 193 देश हैं। इसलिए सुधार करते समय यह देखा जाना चाहिए कि हर देश की आवाज सुनी जाए और सभी सदस्य देशों को प्रतिनिधित्व मिले, न कि सिर्फ कुछ बड़े और ताकतवर देशों को ही जगह दी जाए।’

‘भारत को होगा प्रमुख दावेदार’

संयुक्त राष्ट्र में अलबनई कुवैत के स्थायी प्रतिनिधि हैं। उन्‍होंने कहा कि भारत के स्‍थायी सदस्‍यता के दावे को कुवैत समर्थन देता है। एक सवाल के जवाब में अलबनई ने कहा, ‘यदि यह निर्णय लिया जाता है कि परिषद के सदस्यों की संख्या 21 से बढ़ाकर 27 की जाएगी, तो निश्चित रूप से भारत इसमें प्रमुख दावेदार होगा।’ उन्होंने याद किया कि पिछले साल उन्होंने और ऑस्ट्रिया के सह-अध्यक्ष राजदूत अलेक्जेंडर मार्शिक ने भारत का दौरा किया था और वहां संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सुधार के मुद्दे पर “उच्चतम स्तर पर” बातचीत की थी।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के वर्तमान 79वें सत्र के दौरान आईजीएन प्रक्रिया में हुई प्रगति पर अद्यतन जानकारी देते हुए राजदूत ने कहा कि सुधार का मार्ग ‘निस्संदेह जटिल है, लेकिन हम आगे बढ़ने की दिशा में स्थिर और सार्थक कदम उठा रहे हैं।’ इससे पहले भारत समेत जी4 देशों ने साफ कह दिया था कि धर्म के आधार पर सुरक्षा परिषद में स्‍थायी सदस्‍यता उन्‍हें मंजूर नहीं है। वहीं पाकिस्‍तान चाहता है कि स्‍थायी सदस्‍यता का विस्‍तार किया ही नहीं जाए। इसके जरिए वह भारत को सदस्‍य बनने से रोकना चाहता है। इस बीच फ्रांस, रूस और अमेरिका जैसे सुरक्षा परिषद के स्‍थायी सदस्‍य भारत का समर्थन करते हैं। भारत का विरोध चीन कर रहा है जो डर रहा है कि एशिया में उसका दबदबा खत्‍म हो जाएगा।

शैलेश कुमार शुक्ला

लेखक के बारे में

शैलेश कुमार शुक्ला

शैलेश कुमार शुक्‍ला, पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से ताल्‍लुक रखते हैं। उन्‍होंने इलाहाबाद विश्‍वविद्यालय और माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्‍वविद्यालय से पढ़ाई की। अमर उजाला से पत्रकारिता की शुरुआत की। वार्ता, पीटीआई भाषा, अमर उजाला, नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन में करीब 14 साल काम का अनुभव है। इंटरनैशनल डेस्‍क पर कार्यरत हैं। राष्‍ट्रीय और अंतरराष्‍ट्रीय राजनीति, विज्ञान, रक्षा, पर्यावरण जैसे विषयों के बारे में जानने और लिखने की हमेशा ललक रही है।… और पढ़ें

Read More

0 Votes: 0 Upvotes, 0 Downvotes (0 Points)

Leave a reply

Recent Comments

No comments to show.

Stay Informed With the Latest & Most Important News

I consent to receive newsletter via email. For further information, please review our Privacy Policy

Advertisement

Loading Next Post...
Follow
Sign In/Sign Up Sidebar Search Trending 0 Cart
Popular Now
Loading

Signing-in 3 seconds...

Signing-up 3 seconds...

Cart
Cart updating

ShopYour cart is currently is empty. You could visit our shop and start shopping.