kisded kisdedUncategorized2 weeks ago17 Views

इस्लामाबाद: पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान भारतीय हमले की आशंका से डरा हुआ है। लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के फौरन बाद पाकिस्तान ने इन्फॉर्मेशन वारफेयर शुरू कर दिया है। इन्फॉर्मेशन वारफेयर के मैदान में पाकिस्तान का कोई मुकाबला नहीं है। भारत के खिलाफ पाकिस्तानी ट्रोल्स, मीडिया और न्यूज चैनलों पर ऐसी ऐसी खबरें चलाई जा रही हैं, जिन्हें सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। इन्फॉर्मेशन वारफेयर का युद्ध के मैदान में अलग ही महत्व होता है। इससे युद्ध तो नहीं जीता जाता है, लेकिन एक माहौल जरूर बनाया जाता है। इन्फॉर्मेशन वारफेयर को लेकर अगर किसी को लगता है कि इसका कोई महत्व नहीं है, तो ये उसकी सबसे बड़ी भूल होगी। यही वजह है भारत सरकार ने दर्जनों पाकिस्तानी ट्विटर अकाउंट और यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक करना शुरू कर दिया है। पाकिस्तानी ट्रोलर्स इस मामले में माहिर खिलाड़ी है। सोशल मीडिया पर पाकिस्तानियों की झूठ अब घातक बन चुकी है।

द संडे गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की मुख्यधारा की मीडिया ने उन झूठ को और तेजी से फैलाना शुरू कर दिया है। जिसमें बड़े बड़े पत्रकार भी शामिल हैं। पहलगाम आतंकी हमले के ठीक बाद पाकिस्तान के तमाम टीवी चैनल्स पर इसे ‘फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन’ कहा जाने लगा। जिसमें नजम सेठी और हामिद मीर जैसे पत्रकार शामिल हैं। हामिद मीर तो हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पाकिस्तान के लिए कार्यक्रम करने पहुंच गये। इसके अलावा पाकिस्तान के दर्जनों पत्रकार इस काम में लगे हुए हैं, जिसमें पाकिस्तानी सैनिकों की ताकत को बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है और भारतीय सेना के बारे में झूठी जानकारियां प्रसारित की जा रही हैं।

पाकिस्तान का इन्फॉर्मेशन वारफेयर
पाकिस्तानी टेलीविजन पर कई प्राइमटाइम शो में पूरी तरह से झूठे दावे दोहराए गए हैं। आइये जानते हैं कुछ ऐसे दावों के बारे में, जिन्हें पाकिस्तानी टीवी चैनलों पर बार बार दोहराया जा रहा है।

  1. भारतीय रक्षा खुफिया एजेंसी के लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. राणा को बर्खास्त कर दिया गया और उन्हें औपनिवेशिक युग के जेल द्वीप काला पानी में “निर्वासित” कर दिया गया है।
  2. लेफ्टिनेंट जनरल एम.वी. सुचिंद्र कुमार को पहलगाम हमले को रोकने में “नाकाम” रहने के कारण हटा दिया गया।
  3. एयर मार्शल एस.पी. धारकर को पाकिस्तान के साथ युद्ध लड़ने से “इनकार” करने के कारण बर्खास्त कर दिया गया।

ये तमाम झूठी खबरें हैं। लेकिन पाकिस्तान के सोशल मीडिया से लेकर टीवी चैनलों पर बार बार इसे बताया जा रहा है। द संडे गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक इन झूठी खबरों को पाकिस्तान के नामी पत्रकार भी इतनी सादगी से बता रहे हैं कि ज्यादातर लोग इसपर काफी आसानी से यकीन कर लेंगे। जबकि हकीकत ये है कि….

  1. लेफ्टिनेंट जनरल राणा को प्रमोशन देकर अंडमान एवं निकोबार कमान के कमांडर-इन-चीफ बनाया गया है। जहां भारत मलक्का स्ट्रेट में चीन को काउंटर करने के लिए रणनीतिक इन्फ्रास्ट्रक्चर बना रहा है।
  2. लेफ्टिनेंट जनरल कुमार चार दशक के करियर के बाद सम्मानपूर्वक रिटायर्ड हो गये हैं।
  3. एयर मार्शल धारकर ने औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अपनी सेवा समाप्त कर ली है।

पाकिस्तानी न्यूज चैनल्स इन झूठ को प्रसारित कर अपनी सेना की वाहवाही कर रहे हैं। लेकिन हैरानी इस बात की है ये कि ऐसे झूठ पाकिस्तानी सोशल मीडिया से लेकर पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग ISPR और मुख्यधारा का मीडिया में भी चलाए जा रहे हैं। इसकी शुरुआत पाकिस्तान समर्थक सोशल मीडिया हैंडल से हुई, जिन्होंने भारतीय रक्षा तैयारियों के बारे में संदिग्ध दावे पोस्ट करने शुरू किए। पाकिस्तानी सोशल मीडिया अकाउंट पर दावे किए जाने लगे कि भारत के एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत में आग लग गई है। इसके अलावा झूठ फैलाया गया कि भारतीय एयरक्राफ्ट कैरियर दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद अरब सागर से लौट आया है। ठीक उसी समय, कुख्यात इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) भी इस गेम में शामिल हो गया।

ISPR के महानिदेशक (DG-ISPR), लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने बकायदा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के भीतर आतंक को बढ़ावा देने में भारतीय संलिप्तता के “अकाट्य सबूत” पेश करने का दावा कर दिया। इस कथित खुलासे का मुख्य बिंदु भारतीय सेना के अधिकारियों की तरफ से बमबारी का आदेश देने वाला कथित ऑडियो रिकॉर्डिंग पेश किया गया था। लेकिन फौरन ही इसका फैक्ट चेक हो गया। क्योंकि जिस आवाज में आदेश दिया जा रहा था, वो शख्स ऊर्दूभाषी था। इसके अलावा उनके उच्चारण करने का तरीका, भारतीयों के नाम लेने का तरीका, सबकुछ पाकिस्तानी था। यानि पाकिस्तानी सेना के मीडिया विंग ने ही इस प्रोपेगेंडा को आगे बढ़ाया था।

इन्फॉर्मेशन वारफेयर क्यों चला रहा पाकिस्तान?
पहलगाम आतंकी हमले की निंदा दुनिया के ज्यादातर देशों ने की है। भले ही पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया, लेकिन पाकिस्तान फिर से बदनाम जरूर हुआ है। लिहाजा पाकिस्तान की सेना और बड़े पत्रकारों ने देश की जनता को गुमराह करना शुरू कर दिया। इसमें एक अराजकता का माहौल बनाया गया। यही वजह है कि पाकिस्तान के नेता बार बार कह रहे हैं कि भारत अगले कुछ घंटों में पाकिस्तान पर हमला करने वाला है। या फिर परमाणु हमला करने की बात भी इसीलिए बार बार पाकिस्तान के नेता कर रहे हैं, ताकि अपने देश में भी अराजकता का माहौल बनाया जा सके।

इसके अलावा भारतीय सेना के बारे में गलत जानकारियां फैलाकर भारत के उन लोगों को टारगेट किया गया है, जिन्हें मिलिट्री के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है और अपने देश के अवाम के मनोविज्ञान से भी खेला गया है। पाकिस्तान ऐसा करके अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के बीच अपनी नाक बचाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन पाकिस्तानी सेना की ताकत और मासूमियत का दिखावा करने वाली ये कोशिशें, न सिर्फ विदेशी पर्यवेक्षकों के साथ, बल्कि अपने ही लोगों के साथ विश्वसनीयता के गहरे संकट को उजागर कर रही है।

अभिजात शेखर आजाद

लेखक के बारे में

अभिजात शेखर आजाद

अभिजात शेखर आजाद, बिहार के दरभंगा जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई की है और पिछले 15 सालों से ज्यादा वक्त से पत्रकारिता के क्षेत्र में हैं। ज़ी मीडिया समेत कई नामी संस्थानों काम कर चुके हैं। जियो-पॉलिटिक्स और डिफेंस सेक्टर में काम करने का लंबा अनुभव है। NBT में दुनिया डेस्क पर कार्यरत हैं और इंटरनेशनल पॉलिटिक्स और डिफेंस सेक्टर पर लिखते हैं।… और पढ़ें

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