IO_AdminUncategorized2 months ago26 Views

वॉशिंगटन: साल 2025 का पहला सूर्यग्रहण दो दिन बाद इस शनिवार को होने जा रहा है। यह एक आंशिक सूर्यग्रहण होगा जिसे उत्तरी अमेरिका के साथ ही पश्चिमी यूरोप, उत्तर-पश्चिमी अफ्रीका और रूस में देखा जा सकेगा। इसके साथ ही यह संभवतः सबसे खतरनाक भी होगा। पर्यवेक्षकों का कहना है कि शनिवार को लगने वाला सूर्यग्रहण आंखों के लिए खतरनाक हो सकता है। खास बात ये है कि साल का पहला आंशिक सूर्यग्रहण इसी महीने हुए ब्लड मून यानी पूर्ण चंद्रग्रहण के दो सप्ताह बाद हो रहा है। यह सूर्यग्रहण क्यों खतरनाक होगा, इसे हम आपको बताएंगे लेकिन उसके पहले इसके बारे में जान लेते हैं।

सूर्यग्रहण क्या होता है?

सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है, जो उस दौरान होती है जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है। चंद्रमा की मौजूदगी सूर्य के प्रकाश को अवरुद्ध कर देती है और हमें सूरज छिपा हुआ दिखाई देता है। सूर्यग्रहण तीन प्रकार का होता है- पूर्ण, आंशिक और वलयाकार या रिंग ऑफ फायर। पूर्ण सूर्यग्रहण के दौरान तो दिन में अंधेरा छा जाता है।

इस बार लगने जा रहा सूर्यग्रहण आंशिक होगा। यह तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी से अपेक्षाकृत दूर होता है, जिसके चलते इसका आकार छोटा होता है और यह सूर्य के कोरोना को पूरी तरह से नहीं ढंक पाता है। हालांकि, कुछ हिस्सों में यह सूर्य की डिस्क को 93.8 प्रतिशत तक ढंक लेगा। कनाडा के उत्तरी क्यूबेक के नुनाविक स्थित गांव में रहने वालों को सबसे बड़ा ग्रहण दिखाई देगा।

क्यों खतरनाक है इस बार सूर्यग्रहण?

पर्यवेक्षकों का कहना है कि सूर्य कभी भी पूरी तरह से ढका नहीं होगा, इसलिए इसे देखना खतरनाक होगा। ग्रहण के दौरान सूर्य को देखने के लिए ग्रहण का चश्मा या सोलर फिल्टर की आवश्यकता होगी। इसे धूप के चश्मे के साथ न देखने की सलाह दी गई है। फोटोग्राफरों को सौर फिल्टरों का इस्तेमाल करना चाहिए।

उत्तरी अमेरिका में आखिरी सूर्यग्रहण?

इस ग्रहण का सबसे ज्यादा असर उत्तरी अमेरिका में होगा, जहां यह साल 2025 का पहला और आखिरी सूर्यग्रहण होगा। हालांकि, इस साल एक और आंशिक सूर्यग्रहण होगा, लेकिन 21 सितम्बर को होने वाले इस सूर्यग्रहण को केवल दक्षिणी गोलार्द्ध में देखा जा सकेगा। अमेरिकी समय के अनुसार, यह सुबह 4 बजकर 50 मिनट पर शुरू होगा और सुबह 8.43 बजे समाप्त होगा। हालांकि, इसे अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग समय में देखा जा सकेगा। चूंकि इसका छाया पथ भारतीय क्षेत्र से नहीं गुजरेगा, ऐसे में भारत से इसे नहीं देखा जा सकेगा।

इसे देखने के लिए सबसे अच्छी जगहें अंटार्कटिका और न्यूजीलैंड होंगी, जहां चंद्रमा सूर्य के 73 प्रतिशत हिस्से को ढंका दिखाई देगा। इसके बाद पृथ्वी पर अगला आंशिक सूर्यग्रहण 2029 में होगा। इस दौरान 2026, 2027 और 2028 में लगने वाले सभी सूर्यग्रहण पूर्ण और वलयाकार होंगे। हालांकि, कुछ हिस्सों में वलयाकार सूर्यग्रहण के दौरान हल्का आंशिक ग्रहण देखने को मिलेगा।

विवेक सिंह

लेखक के बारे में

विवेक सिंह

उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर जनपद से ताल्लुक, इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई के बाद अमर उजाला डिजिटल के साथ करियर की शुरुआत की. अमर उजाला के बाद न्यूज 18 यूपी/उत्तराखंड, आवाज न्यूज वीडियो एप, वन इंडिया और एबीपी न्यूज डिजिटल में काम किया. वर्तमान में नवभारत टाइम्स डॉट कॉम में इंटरनेशनल डेस्क पर कार्यरत हूं. देश की राजनीति पर भी लिखने में रुचि है.… और पढ़ें

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