आम आदमी पार्टी द्वारा किए गए नेतृत्व परिवर्तन उसके संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की बड़ी रणनीति का हिस्सा दिखाई देते हैं। मनीष सिसोदिया जैसे अनुभवी नेता की पंजाब प्रभारी पद पर नियुक्ति AAP द्वारा राज्य स्तर पर अपनी पकड़ मजबूत करने का संकेत देती है, खासकर जब वह पहले से ही शराब घोटाले जैसे विवादों का सामना कर रहे हैं।
राघव चड्ढा की स्थिति स्पष्ट कर देने से पार्टी ने भ्रम दूर किया और यह दिखाया कि उनके अन्य कार्य संचालन यथावत रहेंगे। इसके साथ ही गुजरात जैसी प्रमुख इकाइयों में ध्यान केंद्रित करना AAP की राष्ट्रीय विस्तार की महत्वाकांक्षा दर्शाता है।
पार्टी द्वारा इन बदलावों का प्रभाव आने वाले समय में विभिन्न चुनावी प्रदर्शनों से आंका जाएगा। फिलहाल इसके पीछे उनका मकसद एक संगठित नेतृत्व तैयार करना प्रतीत होता है जो भविष्य में चुनौतियों से निपटने हेतु सक्षम हो सके।