F-35 अदिर, F-16 सूफा और F-15 रा’आम… इजरायली लड़ाकू विमानों को कस्टमाइज करने का फायदा, धुआं-धुआं हुआ ईरान

AdminUncategorized10 hours ago4 Views

तेल अवीव: इजरायल ने अपने तीन कस्टमाइज लड़ाकू विमानों के जरिए ईरान पर जबरदस्त हवाई हमले किए हैं। ये हमले इतने खतरनाक थे कि ईरान को जवाबी कार्रवाई करने का मौका तक नहीं मिला। इसके अलावा ईरान के एयर डिफेंस सिस्टम एक भी इजरायली लड़ाकू विमान को निशाना तक नहीं बना सके। यह सब इसलिए हुआ, क्योंकि इजरायल ने अमेरिका से खरीदे लड़ाकू विमानों को अपनी जरूरतों के हिसाब से मोडिफाई कर रखा था। यही कारण है कि इजरायल ने इन लड़ाकू विमानों को अपना नाम दिया है। इनमें F-35 अदिर, F-16 सूफा और F-15 रा’आम लड़ाकू विमान शामिल हैं।

लड़ाकू विमानों के कस्टमाइजेशन से मिला फायदा

यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 200 की संख्या में कस्टमाइज F-35 अदिर, F-16 सूफा और F-15 रा’आम लड़ाकू विमानों ने ईरान में 100 जगहों पर हवाई हमले किए। इस दौरान उन्होंने 330 से ज्यादा मिसाइलें और दूसरी युद्धक सामग्रियां फायर कीं। इस ऑपरेशन ने अमेरिका के पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ लड़ाकू विमानों की प्रभावशीलता को प्रदर्शित किया, क्योंकि ये लड़ाकू विमान पहले से ही अपनी क्षमताओं और कीमतों को लेकर जांच के दायरे में हैं। F-35-l अदिर ने ईरान की वायु रक्षा प्रणाली को चकमा देते हुए ईरानी सैन्य और परमाणु प्रतिष्ठानों के खिलाफ सटीक हमले करने के लिए लगभग 2,000 किलोमीटर की उड़ान भरी।

F-35 को भी इजरायल ने किया है मोडिफाई

ईरान के परमाणु ठिकाने, सैन्य अड्डे और मिसाइल फैक्ट्रियों पर हमले करने के बाद इजरायली वायुसेना के सभी लड़ाकू जेट अपने-अपने ठिकानों पर वापस आ गए। ईरान ने किसी भी लड़ाकू जेट को मार गिराने का दावा नहीं किया है। ‘अदिर’ लॉकहीड मार्टिन के F-35 लाइटनिंग II का एक वेरिएंट है, जिसे इज़रायल के लिए कस्टम-बिल्ट किया गया है। अनुकूलन में इजरायली इंजीनियरों द्वारा इंटीग्रेटेड अडवांस C4I (कमांड, कंट्रोल, कम्युनिकेशंस, कंप्यूटर और इंटेलिजेंस) सिस्टम शामिल हैं जो अन्य इजरायली संपत्तियों, जैसे F-16 और F-15 के साथ आसानी से रियल टाइम डेटा शेयर करने की अनुमति देते हैं।

F-35 को छू भी नहीं सका ईरान

ईरान की परमाणु सुविधाओं को टॉरगेट करने वाले ऑपरेशन में, F-35I “अदिर” को स्टील्थ, सेंसर फ्यूजन और सटीक स्ट्राइक क्षमताओं के अपने अनूठे संयोजन के लिए तैनात किया गया था। इसकी उन्नत एवियोनिक्स और एकीकृत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम इसे दुश्मन के शक्तिशाली एयर डिफेंस नेटवर्क में सेंध लगाने में सक्षम बनाती है। विमान बाहरी ईंधन टैंक जैसे संशोधनों के कारण हवाई ईंधन भरने पर निर्भर किए बिना अपनी सीमाओं से परे काफी हद तक काम कर सकता है।

F-35 ने 2,000 किलोमीटर भरी उड़ान

F-35I “अदिर” ने मिशन को अंजाम देने में लगभग 2,000 किलोमीटर की राउंड-ट्रिप दूरी तय की। इससे पहले 1981 में इजरायली लड़ाकू विमानों ने ऑपरेशन ओपेरा में ऐसा ही कारनामा किया था, जब 14 जेट विमानों ने इराक में ओसिरक परमाणु रिएक्टर पर हमला किया था। उस समय भी इजरायली वायुसेना ने अपने लड़ाकू विमान को बिना किसी नुकसान के सफलतापूर्वक अपना मिशन पूरा किया था। युद्ध के मैदान पर F-35 की सफलता ऐसे समय में आई है जब एलन मस्क ने अमेरिकी 5वीं पीढ़ी के लड़ाकू जेट के खिलाफ इसके भारी कीमत और लगातार दोषों के लिए हमला किया है।

F-35 आदिर को F-16l “सुफा” और F-15 रा’म का सपोर्ट

ऑपरेशन राइजिंग लायन (अम कलावी) में इजरायली वायुसेना ने कई लड़ाकू विमानों को तैनात किया, जिसमें F-16l “सुफा” (स्टॉर्म) शामिल है – जो अमेरिकी F-16 फाइटिंग फाल्कन का एक प्रकार है। इसे इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज द्वारा बड़े पैमाने पर संशोधित किया गया है और इसे हवा से हवा और हवा से जमीन की क्षमताओं को मिलाकर मल्टीरोल मिशनों के लिए तैयार किया गया है। सुफा में मुख्य संशोधनों में विस्तारित रेंज के लिए अनुरूप ईंधन टैंक और पायलट के अनुकूल उन्नत कॉकपिट शामिल हैं जिसमें एल्बिट डैश IV हेलमेट-माउंटेड डिस्प्ले और एलोप वाइड-एंगल HUD शामिल हैं।

इजरायल ने F-16 को बनाया है घातक

इसके एल्बिट द्वारा विकसित मिशन कंप्यूटर और टारगेट सिस्टम राफेल पायथन मिसाइलों और सटीक-गाइडेड बमों जैसे हथियारों के लिए आसानी से लक्ष्य साधने में सक्षम बनाती है। F-16I में इजरायल के अत्याधुनिक डेटा लिंक और रडार सिस्टम हैं, जो इसे F-35 और F-15 सहित अन्य विमानों के साथ सहजता से संचालित करने में सक्षम बनाता है। इसकी सभी मौसम और कम ऊंचाई वाली क्षमताओं का उपयोग किया गया है क्योंकि इजरायली वायु सेना इसका उपयोग छिपे हुए आतंकवादियों पर मिसाइलों और बंकर-बस्टिंग बमों की बारिश करने के लिए कर रही है।

इजरायली F-16 खतरनाक क्यों

F-16I 11 हार्डपॉइंट से लैस है जो विभिन्न प्रकार के हथियार ले जा सकता है, जिसमें AIM-120 AMRAAM और पायथन 4/5 जैसी हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं। ग्राउंड-अटैक मिशन के लिए, विमान कई तरह के हथियार ले जा सकता है, जिसमें JDAM और Paveway सीरीज जैसे गाइडेड बम, साथ ही सटीक हमलों के लिए AGM-65 Maverick मिसाइल शामिल हैं।

इजरायली F-16 का लंबा खूनी इतिहास

2004 में IAF की सेवा में आने के बाद से F-16l का रक्षात्मक और आक्रामक दोनों तरह के ऑपरेशन में तैनाती का लंबा इतिहास रहा है। इसकी लंबी दूरी की स्ट्राइक क्षमता इसे इजरायल की सीमाओं से बहुत दूर के लक्ष्यों को हिट करने के लिए आदर्श बनाती है। 2007 में, F-16l ने F-15l के साथ मिलकर सीरिया में एक संदिग्ध परमाणु रिएक्टर पर सफल हमला किया था। सटीक निशाना लगाने के अलावा, इस मिशन के लिए दुश्मन के हवाई क्षेत्र में गहराई तक घुसने के लिए F-16 की आवश्यकता थी। F-16I के उन्नत एवियोनिक्स और रडार सिस्टम ने इसे सीरियाई हवाई सुरक्षा से बचने और मिशन को अंजाम देने में मदद की।

प्रियेश मिश्र

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प्रियेश मिश्र

नवभारत टाइम्स डिजिटल में डिजिटल कंटेंट राइटर। पत्रकारिता में दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण, अमर उजाला जैसी संस्थाओं के बाद टाइम्स इंटरनेट तक 5 साल का सफर जो इंदौर से शुरू होकर एनसीआर तक पहुंचा है पर दिल गौतम बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली कुशीनगर और गोरक्षनाथ की धरती गोरखपुर में बसता है। देश-विदेश, अंतरराष्ट्रीय राजनीति/कूटनीति और रक्षा क्षेत्र में खास रुचि। डिजिटल माध्यम के नए प्रयोगों में दिलचस्पी के साथ सीखने की सतत इच्छा।… और पढ़ें

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