औरंगाबाद: भोजपुरी सिनेमा के पावर स्टार पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह आज सोमवार को औरंगाबाद दौरे पर पहुंची। इस दौरान ज्योति सिंह ने मीडिया के सवालों का जवाब दिया। इस दौरान पवन सिंह की पत्नी ने स्पष्ट किया कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में काराकाट लोकसभा क्षेत्र की छह विधानसभा सीटों में से किसी एक से चुनाव लड़ेंगी। हालांकि उन्होंने अभी यह नहीं बताया कि किस सीट से मैदान में उतरेंगी। इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वह औरंगाबाद की किसी भी सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगी। इसके साथ ही अब सवाल उठने लगा है कि ज्योति सिंह काराकाट में किसका गेम बिगाड़ेंगी। बता दें, लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान पवन सिंह ने निर्दलीय काराकाट सीट से चुनाव लड़ा था। ऐसे में एनडीए प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा को हार का सामना करना पड़ा था।
पार्टी और सीट को लेकर जल्द होगा खुलासा: ज्योति सिंह
ज्योति सिंह ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों से बातचीत जारी है, और जैसे ही किसी पार्टी की ओर से हरी झंडी मिलेगी, वे आधिकारिक घोषणा करेंगी। देरी की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ महीने से उनकी तबीयत खराब थी, जिससे चर्चा आगे नहीं बढ़ सकी। हालांकि उन्होंने भरोसा जताया कि जिस सीट से लड़ेंगी, वहां जीत दर्ज करेंगी।
औरंगाबाद दौरे से बढ़ा राजनीतिक तापमान, टिकटार्थियों में हड़कंप
ज्योति सिंह के औरंगाबाद आगमन से क्षेत्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। उनके संभावित चुनावी इरादों को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों के संभावित उम्मीदवारों के बीच बेचैनी बढ़ गई है, जिन्हें अब अपने टिकट की उम्मीदों पर खतरा मंडराता दिख रहा है।
स्टारडम का असर, चर्चा में बनी रहने की रणनीति?
पवन सिंह और ज्योति सिंह की लोकप्रियता और फैन फॉलोइंग किसी से छिपी नहीं है। दोनों जहां भी जाते हैं, भारी भीड़ उमड़ पड़ती है। इसी कारण वे अक्सर गुपचुप तरीके से आते-जाते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सेलेब्रिटी अक्सर चर्चा में बने रहने के लिए क्षेत्रीय दौरों के जरिए संकेत देते हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर इसका राजनीतिक लाभ उठाया जा सके। माना जा रहा है कि ज्योति सिंह का औरंगाबाद दौरा भी इसी रणनीति का हिस्सा हो सकता है।
औरंगाबाद से चुनाव लड़ीं तो मुकाबला हो सकता है बेहद दिलचस्प
अगर ज्योति सिंह औरंगाबाद से चुनाव लड़ने का फैसला करती हैं, तो यह सीट काराकाट लोकसभा सीट की तरह चर्चित और खर्चीली बन सकती है। भोजपुरी कलाकारों का समर्थन और प्रचार इस चुनाव को और भी रोचक बना सकता है। यह स्थिति दोनों दलों के स्थानीय नेताओं के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है।
पारिवारिक कारणों से पहुंचीं औरंगाबाद
अपने दौरे के असल उद्देश्य पर ज्योति सिंह ने बताया कि यह राजनीतिक नहीं, बल्कि पारिवारिक था। उन्होंने कहा कि काराकाट लोकसभा चुनाव के दौरान औरंगाबाद-रोहतास इलाके से उनके आत्मीय संबंध बने थे। पवन सिंह के पूर्व सहयोगी और गायक टिंकू टाइगर के पिता के निधन के बाद वह शोक व्यक्त करने पहुंचीं, क्योंकि वह पहले व्यक्तिगत व्यस्तताओं के कारण नहीं आ सकी थीं।