सावधान दिल्लीवालो! 44 के पार जा सकता है पारा, 3 से 4 दिन गर्मी करेगी परेशान, जानें आज का मौसम

kisded kisdedUncategorized7 hours ago3 Views

नई दिल्ली: जैसा कि पूर्वानुमान था, शनिवार को सूर्य ने आग उगलना शुरू कर दिया है। सूर्य की यह तपिश अगले तीन से चार दिन लगातार बढ़ेगी। तापमान इस दौरान 44 डिग्री तक पहुंच सकता है। शनिवार को कई जगहों पर तापमान इस जून में पहली बार 40 डिग्री के स्तर पर पहुंच गया। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को अधिकतम तापमान 39.8 डिग्री रहा। यह सामान्य से 0.2 डिग्री कम है। वहीं न्यूनतम तापमान 26.3 डिग्री रहा। यह सामान्य से 1.3 डिग्री कम रहा। हवा में नमी का स्तर 39 से 77 प्रतिशत तक रहा। कई जगहों पर तापमान 40 डिग्री के स्तर को छू गया। पालम का अधिकतम तापमान 40.7, आया नगर का 41.2 और फरीदाबाद का 39.5 डिग्री रहा।

पूर्वानुमान के अनुसार रविवार को आसमान साफ रहेगा। धूल भरी तेज हवाएं चलेंगी। इनकी गति 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे रह सकती है। अधिकतम तापमान 41 और न्यूनतम 27 डिग्री तक रह सकता है। 9 और 10 जून को भी धूल भरी तेज हवाएं चलेंगी। इनकी गति 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे तक रह सकती है। दोनों दिन अधिकतम तापमान 41 से 44 और न्यूनतम तापमान 26 से 29 डिग्री तक रह सकता है। इसके बाद 11 से 13 जून के बीच हवाएं मंद हो जाएंगी। 12 और 13 जून को आंशिक बादल दिखाई दे सकते हैं। अधिकतम तापमान इस दौरान 41 से 44 डिग्री तक रहेगा। वहीं न्यूनतम तापमान भी 26 से 29 डिग्री तक रह सकता है। यानी 13 जून तक गर्मी से राहत के कोई आसार नहीं है।

नहीं चलेगी लू

तापमान 44 डिग्री रहने के बावजूद लू चलने की संभावना नहीं है। इसकी वजह यह है कि जून के पहले पंद्रह दिनों में सामान्य तापमान 40 डिग्री रहता है। लू की घोषणा तब की जाती है जब अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री अधिक हो या 45 डिग्री से अधिक हो। ऐसे में लू डिक्लेयर करने के लिए तापमाना का 44.5 के स्तर तक पहुंचना जरूरी है। अधिकारी के अनुसार क्योंकि जमीनी सतह पर तेज हवाएं चलेंगी इसलिए तापमान के 44 डिग्री से अधिक जाने की संभावना नहीं है। बारिश के लिए लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। यह एक से डेढ़ हफ्ते से अधिक लंबा हो सकता है।

उमस भरी गर्मी में क्या बरतें सावधानी

  • दोपहर 12 से चार बजे के बीच बाहर जाने से बचें
  • जितना संभव हो पानी पीएं, प्यास नहीं होने पर भी पानी पीएं
  • हल्के रंग के सूती कपडे़ पहनें
  • गॉगल्स, छाता, टोपी, जूते का इस्तेमाल करें
  • बाहर जाते समय पानी की बोतल अपने साथ रखें
  • चाय, कॉफी, कार्बोनेटेड साफ्ट ड्रिंक और एल्कोहल के सेवन से बचें
  • अधिक प्रोटीन युक्त खाने से बचें
  • बच्चों और पालतु जानवरों को खड़ी गाड़ी में न छोडें
  • यदि बीमार या कमजोरी महसूस कर रहे हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें
  • ORS, लस्सी, नींबू पानी, चावल का पानी, छाछ आदि का सेवन करें
  • जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पर्याप्त पानी पिलाएं
  • घर को ठंडा रखने के लिए परदों का इस्तेमाल करें
  • बाहर अधिक श्रम वाली गतिविधि जैसे व्यायाम से बचें
  • नंगे पैर न रहें
  • दोपहर में खाना पकाने से बचें, रसोई में काम करते समय दरवाजे खिड़कियां खुली रखें

दिल्ली में प्रदूषण बढ़ा फिर लगा GRAP-1

प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़कर खराब हो गया है। इस बार मुख्य प्रदूषण ओजोन रहा है। यह इस सीजन का पहला मौका है जब ओजोन का स्तर इतना अधिक बढ़ा है कि उसकी वजह से GRAP-1 लागू करना पड़ा है। पूर्वानुमान के अनुसार, अगले तीन दिनों तक यही स्थिति रह सकती है। प्रदूषण को बढ़ते देखकर सीएक्यूएम (कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट) ने इमरजेंसी मीटिंग की। इस मीटिंग में पूर्वानुमान पर चर्चा हुई। हालात को देखते हुए सीएक्यूएम की सब कमिटी ने GRAP-1 लागू करने का फैसला लिया। दिल्ली एनसीआर में GRAP को तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है।सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के मुताबिक, दिल्ली का एक्यूआई 209 रहा। गाजियाबाद में यह 132, ग्रेटर नोएडा में 154, गुरुग्राम में 195 और नोएडा में 161 रहा।

सिर दर्द और थकान की वजह बन रहा ओजोन पल्यूशन

यदि आप भी इन दिनों बेवजह थकान, दिन में नींद आना या सिरदर्द से परेशान हैं तो इसकी वजह ओजोन प्रदूषण हो सकता है। बीते तीन दिनों से यह राजधानी के प्रदूषण में मुख्य प्रदूषक बना हुआ है। शनिवार को इसका स्तर इस कदर बढ़ गया कि GRAP-1 लगाना पड़ा। वहीं पूर्वानुमान में भी इसे लेकर अलर्ट दिया गया है।

क्या होता है ओजोन का असर : सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने दिल्ली में गर्मियों के दौरान ओजोन की स्थिति सबसे अधिक चिंताजनक बताई गई है। सीएसई की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुमिता राय चौधरी के अनुसार ओजोन का फेपड़ों पर काफी गंभीर असर होता है। इसकी वजह से अस्थमा, पल्मनरी डिजीज होने का खतरा रहता है। बच्चों के फेफड़ों का विकास रुक जाता है। 2020 स्टेट ऑफ ग्लोबर एयर रिपोर्ट के अनुसार 2010 से 2017 के दौरान भारत में ओजोन का स्तर 17 प्रतिशत तक बढ़ा है। अनुमिता के अनुसार ओजोन का कोई सोर्स नहीं है। यह नाइट्रोजन ऑक्साइड्स और वालेटाइल आर्गेनिक कंपाउंड से मिलकर बनती हैं। यह दोनों गैस गाड़ियों, पावर प्लांट, फैक्ट्रियों आदि से निकलती है। सूर्य की रोशनी में यह गैस मिलकर ओजोन बनाती हैं। इसलिए ओजोन को स्पेशल अटेंशन की जरूरत है।

क्या है अलर्ट : पूर्वानुमान में कहा गया है कि दोपहर के समय ओजोन का प्रदूषण काफी अधिक बढ़ रहा है। अगले तीन दिनों तक इसी तरह की स्थिति रह सकती है। वहीं एक्सपर्ट के अनुसार क्योंकि ओजोन एक गैस प्रदूषण है, इसलिए इसके असर से मास्क भी अधिक नहीं बचा सकता। इसलिए इसके बढ़ते स्तर को गंभीरता से लेने की जरूरत है।

अशोक उपाध्याय

लेखक के बारे में

अशोक उपाध्याय

“नवभारत टाइम्स डॉट कॉम में सीनियर ड‍िज‍िटल कंटेंट प्रोड्यूसर। जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया एंड मैनेजमेंट, नोएडा से 2013 में पासआउट। पत्रकारिता में 10 साल का अनुभव है। साल 2013 में एनबीटी अखबार से पत्रकारिता के सफर की शुरुआत की थी। राजनीति, क्राइम समेत कई बीटों पर काम करने का अनुभव है। अमर उजाला देहरादून में भी सेंट्रल डेस्क पर काम किया। साल 2020 में डिजिटल मीडिया की दुनिया में कदम रखा। मीडिया के बदलते स्वरूप के साथ खुद को बदलने का प्रयास जारी है।”… और पढ़ें

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