जितेन्द्र कुमार मौर्य, बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में दुखद साइलेंट मौत का कहर एक 12 साल के मासूम पर टूट पड़ा। बच्चा सुबह घर से तैयार हो कर अपने पिता के साथ कार से स्कूल पहुंचा, लेकिन गेट पर गाड़ी खड़ी होते ही उसकी हृदय गति थम गई। पिता बच्चे को गोद में लेकर काफी देर तक सहलाता रहा, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। मासूम बच्चे के साथ हुई साइलेंट किलर की घटना से हर कोई खौफ में है। वहीं बच्चे के घर मातम पसरा हुआ है और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
जानकारी के मुताबिक, शहर क्षेत्र के प्रतिष्ठित सेंट एंथोनी स्कूल में पढ़ने वाले 12 वर्षीय छात्र के साथ बेहद दुखद और हैरान करने वाली घटना सामने आई है। यहां कक्षा 7 में पढ़ने वाले छात्र अखिल सिंह 1 जुलाई की सुबह अपने पिता जितेंद्र सिंह के साथ कार से स्कूल पहुंचा था। जैसे ही गेट पर खड़ी कार से बैग उठा कर बाहर निकलने की कोशिश कि वो बेहोश होने लगा। पिता ने उसे गोद में उठाकर उससे पूछने और जगाने की कोशिश करने लगे। घटना के तीसरे दिन बच्चे की दुखद मौत का लाइव सीसीटीवी फुटेज समाने आया है।
38 सेकेंड के सीसीटीवी वीडियो में कार से स्कूल गेट पर पहुंचते ही बच्चा कार से उतरने की कोशिश में अचानक बेहोश होने लगता है और उसके पिता जितेंद्र सिंह उसे संभालने की कोशिश करते हुए गोद में उठा लेते हैं। हालांकि बच्चा कुछ ही देर में पूरी तरह बेहोश हो जाता है और घटना क्रम को देखने वालों की भीड़ भी जमा हो गई ।
बच्चे के अचानक बेहोश होने पर परिजन आननफानन में उसे नजदीकी अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन हालत सीरियस होने पर उसे लखनऊ के चंदन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। डाक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। दुखद खबर मिलते ही परिवार में शोक लहर दौड़ गई। वहीं सेंट एंथोनी स्कूल में शोक के चलते एक दिन का अवकाश घोषित किया।
देवा कोतवाली क्षेत्र के घेरी गांव निवासी जितेन्द्र सिंह के मुताबिक, इनका 12 वर्षीय बेटा अखिल सिंह को कोई समस्या नहीं थी और न ही बच्चे को कोई बीमारी थी। छुट्टियों के बाद 1 जुलाई को सुबह स्कूल पहुंचा था।
पीडियाट्रिक एक्सपर्ट डॉ. मोहम्मद कासिफ ने बताया कि बच्चों में कार्डियक अरेस्ट (दिल की धड़कन रुकना) कई वजह हो सकती हैं। 10 से 20 साल के बच्चों में हृदय से संबंधित कई मांसपेशियां डिफेक्ट हो जाती जो कभी-कभी ये समस्या डायग्नोस्ट नहीं हो पाती हैं। हालांकि छोटे बच्चों में ये समस्या कम रहती है। डॉ. कासिफ ने बताया ‘कार्डियो मायोपैथी’ जिसमें हार्ट की पंपिंग कम हो जाती है।
इसके अलावा हाइपरट्रॉफिक कार्डियोमायोपैथी में तत्काल किसी एक्टिविटी या खेल के दौरान बच्चा कोलैप्स कर जाता है। इनोमिलस कोरोनरी आर्टरी डिजीज में आर्टिज से हो रही हार्ट को बल्ड सप्लाई के दौरान दूसरी जगह से बल्ड आ जाता है। ये अटैक टिफिकल एडल्ट हार्ट अटैक पेशेंट के तर्ज पर होता है। हार्टअटैक के कारणों में पेशेंट के डायग्नोस्ट के बाद ही कार्डियक अरेस्ट से मौत का कारण बताया जा सकता है। इसमें छुपी हुई न्यूरोलॉजिकल समस्या भी हो सकती है। हालांकि की परिजनों ने बच्चे का पोस्टमार्टम नहीं कराया है।
लेखक के बारे मेंधीरेंद्र सिंहनवभारत टाइम्स डिजिटल में सीनियर कंटेंट प्रोड्यूसर हूं। यूपी और उत्तराखंड से जुड़ी राजनीतिक समेत अन्य खबरों पर काम करने की जिम्मेदारी है। इससे पहले की बात की जाए तो दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता की पढ़ाई की है। 2014 से करियर की शुरूआत हुई और 8 साल से अधिक का अनुभव हो चुका है। इस दौरान दिल्ली, यूपी और जम्मू कश्मीर में रिपोर्टिंग करने का भी मौका मिला। टाइम्स ग्रुप से पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला, राजस्थान पत्रिका (डिजिटल), नवोदय टाइम्स, हिन्दुस्थान समाचार न्यूज एजेंसी समेत कुछ अन्य संस्थानों में काम किया है। अखबार और डिजिटल जर्नलिज्म की दुनिया में लिखने पढ़ने का काम जारी है।… और पढ़ें